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इंगुदी / दीर्घकण्टा एक औषधि: वनौषधि : 35

by bnnbharat.com
September 18, 2022
in वनौषधि
इंगुदी / दीर्घकण्टा एक औषधि: वनौषधि : 35
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प्रचलित नाम– हिंगोट/इंगुजा

प्रयोज्य अंग- फल, बीज तथा तैल

स्वरूप – 10-20 फूट ऊँचे वृक्ष वृक्ष, कंटकयुक्त, कांटे सीधे तथा पत्र युक्त, पत्ते संयुक्त द्वि पत्री, पत्रक अंडाकार, पुष्प सुगंधित तथा हरितवर्णी ।

स्वाद– तिक्त (मूल) मधुर (फल) ।

रासायनिक संगठन- इसके फल तथा बीज में-पीले रंग का स्वादहीन तैल पाया जाता है। इसके फल के गूदे में सेपोनिन होता है।

गुण-तिक्त, मृदुरेचक, कृमिघ्न; फल-कटु, मृदुरेचक, कृमिघ्न कफ निःसारक, व्रणरोपण (तैल) ।

उपयोग– इसके फल का प्रयोग-जीर्ण कास, कुष्ठरोग, कृमिरोग में लाभकारी।
इसके पत्र बच्चों के कास, कुष्ठ रोग तथा कृमिरोग में लाभकारी।
इसका तैल जले हुए हिस्से पर लगाने से लाभ। बीज-उदरशूल तथा कास मेंलाभकारी। कुष्ठरोग में हिंगोट का तैल लगाने से लाभ होता है।
मूषक विष में शिरीष तथा हिंगोट फल के गूदा का कल्क मधु के साथ चाटने से लाभ होता है।
रक्त पित्त हिंगोट फल मज्जा यष्टिमधु के साथ सेवन से इस रोग में लाभ होता है।
दुष्ट व्रण में हिंगोट का तैल रोपणार्थ दुष्टव्रण पर लगाया जाता है।
व्यङ्ग में इंगुदीफल की त्वचा के नीचे की रक्ताभ मज्जा शीतल जल में पीसकर इक्कीस दिन तक मुख पर लगाने से व्यंग ठीक होकर मुख कान्तिमय हो जाता है।
अग्नि या उष्णता के कारण जल जाने से इंगुदी तैल लगाना लाभकारी होता है।
इसके बीजों का प्रयोग उदरशूल तथा कास में अत्यंत लाभकारी तथा कृमिरोग में लाभकारी होते हैं। इसके पत्रों का प्रयोग यह तिक्त एवं कटु होने के कारण रेचक तथा कृमि रोग में लाभकारी होते हैं।
अफ्रीका में इसके फलों की मज्जा का प्रयोग-डीटरजेन्ट के रूप करते हैं।

दीर्घ घन्टा


Balanites roxburghi, Planch. SIMARUBACEAE

ENGLISH NAME:- Balanite. Hindi – Hingota

PARTS-USED:-Fruits, Seeds and oil. DESCRIPTION:- A small tree, about 10-20 feet high, thorny, thorns are straight and leafy, leaves bifoliate, leaflets are ovate, elliptic Flowers green & Scented incorymb; drup 5-grooved rind woody, grey. TASTE:-Bitter(Root). Fruit (sweet)

CHEMICAL CONSTITUENTS-Fruit and Seeds Contain:- Oil of yellow colour and taste less, Pulp of fruit conatins: Saponin.

ACTIONS:-Leaves are-Bitter, Laxative, Anthelmintic, Fruits: Acrid, Laxative, Anthelmintic, Expectorant, Wound healing (oil) USED IN:-Fruits are useful to cure chronic cough, Leprosy, Worms infestation, Leaves are used in cough, Throat infection and worms for children, oil is used on burned parts,

Seedsin: Colic, Cough.

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