मुंबई:- दिग्गज कारोबारी और उद्यमी एलन मस्क की राह भारत में आसान नहीं रहने वाली है. दरअसल केंद्र सरकार को एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस मुहैया कराने वाले कंपनी स्टारलिंक को एक आदेश जारी किया गया है, जिसके मुताबिक स्टारलिंक को भारतीयों का पैसा वापस करना होगा, जिसे सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के प्री-आर्डर के तौर पर लिया गया था. इस मामले में केंद्र सरकार ने कंपनी को प्री-आर्डर अमाउंट को रिफंड करने का निदेश दिया है. सरकार ने स्टारलिंक से कहा कि कंपनी को जब तक भारत में लाइसेंस नहीं मिल जाता है, तब तक कंपनी भारतीयों से किसी तरह का कोई चार्ज नहीं ले सकती हैं.
रिफंड करना होगा प्री–बुकिंग अमाउंट
सरकार के आदेश के बाद एलन मस्क की इंटरनेट सैटेलाइट सर्विस के लिए प्री-आर्डर देने वाले यूजर्स को किसी भी वक्त रिफंड मिल सकता है. कंपनी ने कस्टमर को भेजे गए ई-मेल में इस बात की जानकारी दी है. स्टारलिंक एलन मस्क की एयरोस्पेस कंपनी SpaceX का एक डिवीजन है. स्टारलिंक की तरफ से लॉन्च से पहले भारत में भारत में प्री-बुकिंग शुरू कर दी गई थी. ऐसे में कंपनी को सरकार की तरफ से रोक लगाए जाने तक करीब 5000 प्री-आर्डर मिल चुके थे. इन प्री-आर्डर के तौर पर कंपनी ने प्रत्येक कस्टमर से करीब 7,200 रुपये चार्ज किए थे. लेकिन अब कंपनी को भारत में लाइसेंस हासिल करना पड़ेगा. जिसके चलते कॉमर्शियल लॉन्च में देरी की संभावना है.
कंपनी का दावा मिलेगी फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी
ऐसे में एलन मस्क के फास्ट इंटरनेट कनेक्टविटी की सुविधा भारत में कब मिलेगी. फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी मौजूद नहीं है. ऐसे कई मामले हैं, जिन्हें लाइसेंस फ्रेमवर्क को लेकर सुधार करना है. स्टारलिंक भारत में जल्द से जल्द अपनी सर्विस शुरू करना चाहती है. स्टारलिंक सैटेलाइट लो-अर्थ ऑर्बिट नेटवर्क उपलब्ध कराता है, जिसमें लो-लेटेंसी मिलती है. इससे रिमोट एरिया में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने में मदद मिलेगी.

