ऐसे लक्षण जो डेल्टा और ओमिक्रॉन में अंतर बताते हैं..
1- जहां डेल्टा वैरिएंट के लक्षण शरीर में 10 दिनों तक देखे जा सकते हैं, वहीं आम तौर पर ओमिक्रॉन के लक्षण 4-5 दिनों में ही गायब हो जाते हैं.
2-डेल्टा के मरीजों को तेज बुखार की शिकायत होती है. ओमिक्रॉन के लक्षण माइल्ड होने के कारण मरीजों में ये बुखार हल्का होता है.
3-डेल्टा वैरिएंट हमारे फेफड़ों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इससे पूरे सांस तंत्र पर नकारात्मक असर पड़ता है. संक्रमण होने पर मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है. साथ ही, शरीर में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है. ओमिक्रॉन संक्रमण होने पर ये परेशानियां नहीं होतीं. ये हमारे फेफड़ों को न के बराबर नुकसान पहुंचाता है.
4-डेल्टा की वजह से आई दूसरी लहर के दौरान दुनिया भर में वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी. ज्यादातर लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी, जिसके कारण वे डेल्टा की चपेट मे आकर गंभीर रूप से बीमार हुए थे. फिलहाल स्थिति कुछ और है. आबादी का बड़ा हिस्सा वैक्सीनेटेड है और उनकी इम्यूनिटी मजबूत है, फिर भी वे ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे हैं.
5-डेल्टा वैरिएंट के प्रमुख लक्षणों में सूखी खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी, स्वाद और गंध न आना शामिल हैं. अब तक मिले डेटा के मुताबिक, ओमिक्रॉन के शुरुआती लक्षणों में गले में खराश और खुजली, सिर दर्द, सर्दी, खांसी, स्किन रैश, मांसपेशियों में दर्द और हरारत शामिल हैं.

