छत्तीसगढ़:- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धर्म संसद में महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी व नाथूराम गोड़से को साष्टांग प्रणाम करते हुए महिमा मंडित करने वाले कालीचरण महाराज की जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है. सोमवार को कालीचरण की जमानत अर्जी पर रायपुर कोर्ट में करीब डेढ़ से दो घंटे तक बहस हुई. एडीजे विक्रम चंद्रा की अदालत में जमानत याचिका खारिज पर सुनवाई हुई. इस दौरान कालीचरण महाराज के वकीलों ने छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्तारी को गलत ठहराया. वकीलों ने हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के कुछ केसों को बतौर नजीर जमानत के लिए पेश किया. वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जज ने जमानत याचिका खारिज कर दी. अब हाई कोर्ट में वकील जमानत याचिका लगा सकते हैं. फिलहाल कालीचरण 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
बता दें कि 26 दिसंबर को रायपुर के धर्म संसद में महात्मा गांधी पर कालीचरण महराज ने अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सिविल लाइन और रायपुर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने टिकरापारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अपराध दर्ज होने के दूसरे दिन कालीचरण का एक और वीडियो सोशल मीडिया में सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपनी टिप्पणियों को फिर दोहराया था. वीडियो में कालीचरण ने कहा है कि मुझे अपने बयान पर कोई पश्चाताप नहीं है. मैं गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानता हैं. यदि सच बोलने की सजा मृत्युदंड है तो वह भी मुझे स्वीकार है. कालीचरण ने वीडियो में गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को महात्मा बताया है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया है, जो अभी न्यायिक हिरासत में रायपुर जेल में बंद हैं.
कालीचरण को महाराष्ट्र ले जाने रायपुर आई ठाणे की पुलिस
कालीचरण पर छत्तीसगढ़ के साथ महाराष्ट्र में भी अपराध दर्ज किया गया है. महाराष्ट्र के अकोला, कड़क, ठाणे सहित कई थानों में कालीचरण के खिलाफ अपराध दर्ज है. 19 दिसंबर को पुणे के नातू बाग में कालीचरण महाराज ने भड़काऊ भाषण दिया था. सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद पुणे की पुलिस ने कालीचरण पर केस दर्ज किया है. महाराष्ट्र की ठाणे की पांच सदस्यीय पुलिस टीम कालीचरण को ले जाने रायपुर आई हुई है. रायपुर की कोर्ट में मंगलवार को अगर अनुमति मिली तो ठाणे की पुलिस कालीचरण को महाराष्ट्र ले जा सकती है.

