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गलवान घाटी में चीनी झंडा, राहुल ने मोदी सरकार को घेरा

by bnnbharat.com
January 3, 2022
in समाचार
गलवान घाटी में चीनी झंडा, राहुल ने मोदी सरकार को घेरा
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नई दिल्ली.चीन ने पूर्वी लद्दाख में प्रॉपगैंड वॉर के जरिए दबदबा कायम करना चाहा, लेकिन 5 मई 2020 को हुई हिंसक झड़प में उसे करारा जवाब मिल गया. तब से उसकी प्रॉपगैंडा मशीनरी और सक्रिय हो गई है. अब उसने अपने सैनिकों को गलवान गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराते हुए दिखाया है. इस पर भारत में विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुप्पी तोड़ने की अपील की है. उधर, मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बक्शी ने भी माना है कि भारत की जमीन पर चीन के कब्जे के आरोपों को सिरे से नकारा नहीं जा सकता है.
राहुल गांधी ने कहा- मोदी जी, चुप्पी तोड़ो
बहरहाल, केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्वी लद्दाख के गलवान क्षेत्र में चीनी घुसपैठ पर चुप्पी तोड़ने को कहा. राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा, ‘हमारा तिरंगा गलवान में अच्छा दिखता है. चीन को जवाब दिया जाना चाहिए. मोदी जी, चुप्पी तोड़िये.’ कांग्रेस पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में कथित चीनी घुसपैठ से निपटने को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर रही है. राहुल गांधी ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदले जाने के कदम पर सरकार पर निशाना साधा था.उधर, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि आखिर उनका 56 इंच का सीना कहां चला गया है? उन्होंने ट्वीट किया, ‘नव वर्ष के मौके पर भारत की गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराया गया.

56 इंच का चौकीदार कहां हैं?’रक्षा विशेषज्ञ ने माना- कुछ गड़बड़ तो हुआ
क्या चीनी सेना सच में हमारी जमीन पर आ गई है? हमारे सहयोगी न्यूज टाइम्स नाउ में चर्चा के दौरान मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बक्शी से यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस आशंका को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘भारत-चीन युद्ध के बाद दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (lac) पर सहमति जताई और दोनों देशों ने इसका सम्मान करने का संकल्प लिया. हमने यह किया भी, लेकिन चीन की तरफ से ऐसा कुछ नहीं दिखता है.’ उन्होंने नए साल के मौके पर चीनी सैनिकों के साथ मिठाइयां बांटे जाने के वाकये पर भी नाखुशी का इजहार किया.
मेजर जनरल (रिटायर्ड) बक्शी ने कहा, चूंकि हमारी सेना चीनी सीमा की तरफ नहीं बढ़ती है, इसलिए यह (चीन बॉर्डर की तरफ जाकर पीएलए सैनिकों को मिठाई देना) थोड़ा नया लग रहा है. उन्होंने कहा’ ‘जहां तक मेरी समझ है, हमने अब तक चीन के साथ कोई समझौता नहीं किया है कि वास्तव में नियंत्रण रेखा है कहां. ऐसे में हमें मिठाइयां देने से बचना चाहिए था.’बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार
इस चर्चा में शामिल बीजेपी प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने वीडियो को चीन की प्रॉपगैंडा मशीनरी का एक हिस्सा करार दिया. उन्होंने कहा कि चीन इसी तरह के उकसावे की कार्रवाई करता है. उन्होंने कि जहां तक बात भारत की है तो हम बेहद संतुलित नजरिया रखते हैं. उन्होंने कांग्रेस सरकारों की चीन नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे पास संपूर्ण सक्षम सेना है, इसलिए हमें किसी तरह के हीनता भाव से ग्रस्त नहीं होना चाहिए जैसा कि संसद में दिए गए एके एंटनी के बयान से झलकता है.

उन्होंने कहा कि हम सीमाई इलाकों में सड़कें या अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं करते हैं क्योंकि युद्ध के वक्त इनका इस्तेमाल चीन कर सकता है. वडक्कन ने कहा कि अब भारत बदल गया है. अब सरकार की नीति है कि हम सड़क, हेलीपैड, एयरोड्रम्स सब बनाएंगे. वडक्कन ने कहा मिठाइयों का आदान-प्रदान दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक-दूसरे के सम्मान का प्रतीक है. पाकिस्तान बॉर्डर पर तो यह हमेशा से होता रहा है. यह भारत की संस्कृति है और कुछ नहीं.

ट्विटर पर भी सिरफुटव्वल
उधर, ट्विटर पर भी galwan ट्रेंड कर रहा है. सरकार विरोधी लोग चीन के प्रॉपगैंडा वीडियो को शेयर करते हुए तरह-तरह के लांछन लगा रहे हैं तो सरकार के समर्थन में भी तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं.

नए साल के मौके पर भारत-चीन सीमा पर बंटी मिठाइयां
ध्यान रहे कि भारत और चीनी सैनिकों ने नए साल के मौके पर शनिवार को पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ कई सीमा चौकियों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया. पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई बिंदुओं पर दोनों पक्षों के बीच 18 महीने से अधिक लंबे गतिरोध के बीच दोनों पक्षों ने नव वर्ष पर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं. अधिकारियों ने कहा कि सीमा चौकियां जहां दोनों पक्षों ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया और बधाई दी, उनमें कोंकला, चुशूल मोल्दो, डेमचोक हॉट स्प्रिंग्स, दौलत बेग ओल्डी, बॉटलनेक और केके दर्रा शामिल हैं.
उत्तरी सिक्किम में नाथुला और कोंगरा ला में भी मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया. अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में एलएसी के साथ बुम ला और वाचा दमई सीमा बिंदुओं पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया. पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हो गया था. सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के जरिए दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे और गोगरा क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी की थी.

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