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झारखंड में चल रहा धर्म परिवर्तन का खेल ! इशाई बनो मजे करो!

by bnnbharat.com
January 6, 2022
in गिरिडीह, झारखंड, समाचार
झारखंड में चल रहा धर्म परिवर्तन का खेल ! इशाई बनो मजे करो!
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गिरिडीह:- झारखंड के गिरिडीह जिले में इन दिनों धर्म परिवर्तन (Religion Conversion) का खेल खुलेआम चल रहा है. जिले के देवरी प्रखंड और बेंगाबाद प्रखंड में ईसाई मिशनरी (Christian Community) के प्रतिनिधियों द्वारा लोगों को बहला-फुसलाकर, ब्रेनवाश व जोर-जबर्दस्ती कर धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है. बेंगाबाद प्रखंड के हेरला गांव से ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां पर आशा देवी नाम की महिला ने हिंदू धर्म (Hindu Religion) को छोड़कर ईसाई धर्म को अपना लिया है. अभी वह महिला अभी गुजरात के सूरत में है. आशा देवी अब ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने लगी है.

बताया जा रहा है कि वो अभी तक कई लोगों को ईसाई धर्म की ओर ला चुकी है. कई लोगों ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है. आशा देवी के दामाद दशरथ कुमार ने आशा देवी पर हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म में आने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पहले ब्रेनवाश करने की कोशिश की गई, समझाया बुझाया गया. दशरथ कुमार द्वारा नहीं मानने पर महिला के द्वारा उन पर दबाव बनाया गया कि ईसाई धर्म में आ जाओ, किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी. आप अमीर बन जाओगे, कभी भी तबीयत खराब नहीं होगी. इस तरह के दावे करके आशा देवी के द्वारा अपने दामाद पर दबाव बनाया गया.

दामाद ने किया धर्म बदलने से इंकार

हालांकि, दशरथ कुमार ने ईसाई धर्म अपनाने से साफ मना कर दिया. दामाद और सासू मां में इस बात को लेकर बहस भी हुई. यहां तक की दामाद ने ससुराल से किसी भी प्रकार का रिश्ता रखने से इंकार कर दिया. इस मामले को लेकर आशा देवी की सासू मां ललिया देवी ने बताया कि हां हमारी बहू आशा देवी ईसाई धर्म को मान रही है. हम लोगों ने मना किया उसके बावजूद वह ईसाई को अपना चुकी है.

ईसाई बनने पर सुख-सविधाएं मिलीं, बीमारी ठीक हुई

हालांकि उनका कहना है कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद से उन्हें कई तरह के सुख सुविधा मिली है. पैर की बीमारी से मुक्ति मिली है जिसकी वजह से वह ईसाई धर्म छोड़ना नहीं चाहती है. ईसाई धर्म जहां अपनाने से पहले आशा देवी भगवान शंकर की पूजा करती थी, लेकिन अब भगवान की पूजा अर्चना करना छोड़ दी है, वो भगवान को जल भी नहीं चढाती.

बेलाटांड में भी धर्म परिवर्तन का खेल

इसी तरह का मामला देवरी प्रखंड के बेलाटांड से आया है. आज से 40 वर्ष पहले ये आदिवासी बहुल इलाके के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज यह इलाका ईसाई बहुल इलाके के नाम से जाना जाता है. दरअसल यहां धीरे-धीरे सभी भोले-भाले आदिवासियों को ईसाई मिशनरियों द्वारा बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म में परिवर्तन करवा दिया जा रहा है. भोले भाले लोगों को ब्रेनवाश इस कदर कर दिया जा रहा है कि जो एक बार ईसाई धर्म को अपना लेता है फिर उसी की बोली बोलने लगता है.

 

 

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