नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने चिंता जाहिर की. खुद सोनियां गांधी भी पंजाब के cm को फटकार लगा चुकीं है.
कई दलों के नेताओं ने चूक को लेकर जिम्मेदारी तय करने के वास्ते जांच की मांग उठाई. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर उठे विवाद को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के शीर्ष पद पर आसीन व्यक्ति की सुरक्षा से कोई भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
जनता दल (सेक्युलर) के वरिष्ठ नेता ने एक ट्वीट में कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. भारत के शीर्ष पद पर आसीन व्यक्ति की सुरक्षा के साथ कभी भी कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए. हमें अतीत से सीखने की जरूरत है.’चुनावी राज्य पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त ‘गंभीर चूक’ की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था. इस वजह से प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे. घटना के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली लौट गए.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के विशिष्ट प्रोटोकॉल हैं, जिनका अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
बिरला ने अपने ट्वीट में कहा, ‘लोकसभा में सदन के नेता प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा के विशिष्ट प्रोटोकॉल हैं, जिनका अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उनकी यात्राओं के दौरान सभी स्तरों पर मानकों के अनुरूप व्यापक व्यवस्था की जानी चाहिये.
’महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, उन नेताओं में शुमार रहे जिन्होंने सुरक्षा चूक मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की.
पटनायक ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री एक संस्था हैं. इस संस्था की गरिमा को संरक्षित रखना और संपूर्ण सुरक्षा उपलब्ध कराना, हर सरकार का कर्तव्य है. इसके विपरीत कुछ भी हमारे लोकतंत्र में अस्वीकार्य होना चाहिए.’
ठाकरे के हवाले से शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री पूरे देश का होता है. उनकी सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए. पंजाब दौरे के दौरान मोदी की सुरक्षा में चूक एक गंभीर बात है. इस तरह की चूक से देश पहले ही दो प्रधानमंत्रियों को खो चुका है. इस घटना की गहन जांच होनी चाहिए.’बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर जारी राजनीतिक खींचतान को अनुचित करार देते हुए घटना की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच की मांग की.
मायावती ने बृहस्पतिवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभी हाल के पंजाब दौरे के दौरान जो सुरक्षा चूक हुई है वह अत्यंत चिंता का विषय है. इस घटना को पूरी गंभीरता से लेकर इसकी उच्च-स्तरीय निष्पक्ष जांच जरूरी है, ताकि इसके लिए दोषियों को उचित सजा मिल सके तथा आगे ऐसी घटना की पुनरावृति न हो.’
उन्होंने कहा, ‘पंजाब आदि राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस घटना को लेकर जो राजनीतिक खींचतान, आरोप-प्रत्यारोप व राजनीति की जा रही है वह भी उचित नहीं है. घटना के संबंध में राजनीति को विराम देकर इसकी गंभीरता के अनुरूप निष्पक्ष जांच होने देना ही उचित होगा.’
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने के वास्ते न्यायिक जांच करानी चाहिए. पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि यह जानना बेहद जरूरी है कि इसमें केंद्रीय एजेंसियों की गलती थी या पंजाब सरकार की.महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री मलिक ने कहा, ‘इसकी जांच होना आवश्यक है. जिम्मेदारी तय करने के लिए किसी वर्तमान न्यायाधीश से एक न्यायिक जांच करानी चाहिए. राज्य और केंद्र के इस पर दो अलग मत हो सकते हैं. लोग सच्चाई जानें, इसके लिए यह जरूरी है.’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा में हुई चूक की घटना दुखद है. उन्होंने कहा कि राज्यों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को सुरक्षा उपलब्ध कराना राज्यों का दायित्व है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं होनी चाहिये.
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने ट्वीट कर कहा , ‘पार्टी चाहे जो भी हो, हमें हमेशा प्रधानमंत्री पद की शुचिता बनाए रखनी चाहिए. जिम्मेदारी तय करने के साथ सख्त कार्रवाई की जाए.’
पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और भाजपा सदस्य साइना नेहवाल ने भी सुरक्षा चूक घटना की निंदा की और कहा कि अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता किया जाता है तो कोई देश खुद के सुरक्षित होने का दावा नहीं कर सकता.

