भाकपा माओवादी के लिए काम करने वाले दो लोंगो को गुमला पुलिस ने बिसुन्पुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पकडे गये लोंगो के नाम जीरलाल उरांव और उपेंद्र उरांव बताये जाते है. दोनों के पास से नक्सली पर्चे भी बरामद हुए हैं. घर की तलाशी लेने गयी पुलिस के हाथ भारी मात्रा में नक्सली पोस्टर, पम्पलेट एवं फोटोकॉपी मशीन पुलिस के हाथ लगी है. पूछताछ में जीरलाल उरांव ने बताया कि रविंद्र गंजू ने पैसे देकर प्रिंटर मशीन खरीदने के लिए कहा और उसी मशीन से वे फोटो कॉपी कर नक्सली पोस्टर क्षेत्र में चिपकाते थे. उसने बताया कि इस काम में गांव के उपेंद्र उरांव, जमुना उरांव, राजेश सिंह और जितेंद्र उरांव भी उसकी मदद करते थे. गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान कई खुलासे भी किए हैं.
इलाके में कई बार पोस्टर बाजी की घटना सामने आई थी, जिसमें सभी चौक चौराहों एवं सरकारी भवन पर पोस्टर चिपकाये गये थे. वहीं, पुलिस की हरेक गतिविधियों की भी सूचना नक्सलियों तक पहुंचा कर उन्हें पहले ही सावधान कर दिया जाता था. इतना ही नहीं, ये नक्सली समर्थक गांव आने पर नक्सलियों को जरूरत के सारे समान से लेकर खाने पीने की सभी सामग्री तक भी जुटाने का काम करते थे.
गुमला एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कुम्हारी गांव के चार युवक रीजनल कमांडर रविंद्र गंजू के समर्थक हैं और पोस्टर चिपका कर लोगों के बीच दहशत फैलाते हैं. जिसके बाद पुलिस ने एक टीम का गठन किया और छापेमारी कर कुम्हारी गांव से दो नक्सली सहयोगी को गिरफ्तार किया.

