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नाबालिग छात्रा ने की आत्महत्या, माता पिता का आरोप –   ईसाई धर्म नहीं स्वीकार करने पर हॉस्टल वार्डन करती थी प्रताड़ित, टॉयलेट भी करवाया था साफ़ , मुख्यमंत्री से लगायी न्याय की गुहार  

by bnnbharat.com
January 22, 2022
in बड़ी ख़बरें, समाचार
नाबालिग छात्रा ने की आत्महत्या, माता पिता का आरोप –   ईसाई धर्म नहीं स्वीकार करने पर हॉस्टल वार्डन करती थी प्रताड़ित, टॉयलेट भी करवाया था साफ़ , मुख्यमंत्री से लगायी न्याय की गुहार  
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तमिलनाडु के तंजावुर में 17 वर्षीय छात्रा लावण्या ने 9 जनवरी, 2021 को ही ज़हर खा लिया था. 10 दिन तक चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गई. घटना बुधवार (19 जनवरी, 2022) की है. आत्महत्या का मामला अब जोर पकड़ रहा है. लड़की के परिजनों ने आरोप लगाया है कि हॉस्टल वॉर्डन द्वारा उसे प्रताड़ित किया गया था और मारा-पीटा गया था, क्योंकि उसने ईसाई मजहब में धर्मांतरण से इनकार कर दिया था. सोशल मीडिया पर लड़की का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वो बता रही है कि धर्मांतरण न करने के कारण उसे प्रताड़ित किया गया था. मृतका के परिजनों ने दोषियों को जेल भेजने और ईसाई स्कूल को भी तत्काल सील करने की माँग की है.

लड़की के माता-पिता का कहना है कि सोमवार (10 जनवरी, 2022) को उनके पास 9:45 बजे सुबह एक फोन कॉल आया. उनसे पूछा गया कि क्या लावण्या उनकी बेटी है, हामी भरने पर बताया गया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है और उसे उलटी हो रही है. उन्हें आकर घर ले जाने के लिए कहा गया. उन्हें तब तक ये भी नहीं बताया गया कि उनकी बेटी ने ज़हर खा लिया है. अगले दो दिनों तक वो लावण्या को लेकर अस्पतालों में घूमते रहे.

लावण्या के परिजनों ने बताया, “ईसाई धर्मांतरण के लिए प्रताड़ित और परेशान किए जाने के बाद मेरी बेटी को ज़हर खाने के लिए मजबूर होना पड़ा. अस्पताल के रिपोर्ट्स से ही पता चला कि मेरी बेटी ने ज़हर खाया है. मुझे कहा जाता था कि अपनी बेटी को हमारी तरह बना दो, तब वो पड़ेगी, बड़े पद पर पहुँचेगी और समाज में उसे सम्मान मिलेगा. धमकी दी गई थी कि किसी को इस बारे में कुछ बताने पर मेरी बेटी के चरित्र को लेकर गलत अफवाह फैलाई जाएगी.”

माता-पिता ने बताया कि लावण्या को शौचालय साफ़ करने और भोजन बनाने के अलावा अकाउंट्स मैनेज करने का काम करवाया जाता था, क्योंकि उसने ईसाई बनने से इनकार कर दिया था. परिजनों का कहना है कि मजदूर और गरीब परिवार होने के कारण पुलिस-प्रशासन ने उनकी शिकायत को गंभीरता से भी नहीं लिया. उन्होंने बताया कि घर में तीन और बच्चे हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई कैसे होगी.

उन्होंने मुख्यमंत्री स्टालिन से न्याय की गुहार लगायी है. कहा कि हमें इस मामले में न्याय चाहिए, क्योंकि बेटी तो वापस नहीं मिल सकती है और कोई और इस दौर से न गुजरे. उन्होंने आरोपितों का नाम रक्वीलिन मेरी और सहाया मेरी बताया. उन्होंने बताया कि पोंगल के बाद ट्रांसफर सर्टिफिकेट की माँग करने पर वो भी नहीं दिया गया. लड़की पढ़ने में अच्छी थी और उसे 500 में 489 मार्क्स आए थे. इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है.

 

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