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बेंगलुरु के स्वर्णजयंती फेलो प्रो. सुभ्रो भट्टाचार्जी उच्च तापमान वाले सुपरकंडक्टर्स से संबंधित अद्भुत धातुओं की सैद्धांतिक समझ के बारे में अनुसंधान कर रहे हैं

by bnnbharat.com
January 11, 2022
in समाचार
बेंगलुरु के स्वर्णजयंती फेलो प्रो. सुभ्रो भट्टाचार्जी उच्च तापमान वाले सुपरकंडक्टर्स से संबंधित अद्भुत धातुओं की सैद्धांतिक समझ के बारे में अनुसंधान कर रहे हैं
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नई दिल्ली:- क्वांटम भौतिकविदों के मानकों के अनुसार अद्भुत धातुएं बहुत विलक्षण हैं. ये सामग्रियां उच्च तापमान सुपरकंडक्टर्स से संबंधित हैं. इनके ब्लैक होल गुणों के साथ बहुत आश्चर्यजनक संबंध हैं.

इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल साइंसेज, बेंगलुरु में एसोसिएट प्रोफेसर और स्वर्णजयंती फेलोशिप 2020-2021 प्राप्‍तकर्ता प्रो. सुभ्रो भट्टाचार्जी का उद्देश्य क्‍वांटम सामग्रियों की नई और अज्ञात सीमा का पता लगाना है. प्रो. भट्टाचार्जी सामग्री के इलेक्ट्रॉनिक चरणों में परिवर्तित इन सामग्रियों में अनेक इंटरेक्टिंग इलेक्ट्रॉनों के सामूहिक व्‍यवहार जैसी क्‍वांटम प्रणालियों में नवीन गुणों की अधिकता को समझने के लिए सामान्यीकृत प्रतिमान उपलब्‍ध कराने के बारे में अनुसंधान कर रहे हैं. ये सामग्री क्‍वांटम यांत्रिकी के मध्‍य सूक्ष्‍म अंत:क्रिया और सामग्री में इलेक्‍ट्रॉनों के मध्‍य संबंधों के कारण चुंबकों, सेमिकंडक्‍टर्स और सुपरकंडक्टर्स उत्‍पन्‍न करती हैं.

हालांकि ये सामग्री क्वांटम पदार्थ के कुछ सबसे नवीन और तकनीकी रूप से उपयोगी तरह के मूल चरणों का निर्माण करती हैं, लेकिन इस तरह के चरणों के बारे में बहुत कम जानकारी प्राप्‍त है. ऐसे सामूहिक इलेक्ट्रॉनिक व्यवहार के स्‍वरूप को समझना हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और इनमें भविष्य की प्रौद्योगिकियों की कुंजी निहित है. इनकी उल्लेखनीय सफलता के बावजूद, ऐसी क्वांटम सामग्रियों के सामूहिक इलेक्ट्रॉनिक व्यवहार का वर्णन करने के लिए मौजूदा सैद्धांतिक ढांचे की बहुत जटिल सीमा है और उपरोक्त परस्पर क्रिया का पता लगाने के लिए मौलिक रूप से नए विचारों की जरूरत है. यह समझ इन सामग्रियों की क्वांटम प्रकृति के आधार पर उन्नत सामग्री गुणों का उपयोग करने के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है.

प्रो. भट्टाचार्जी का शोध इस तरह की क्वांटम प्रणाली में नवीन इलेक्ट्रॉनिक गुणों की अधिकता को समझने के लिए एक सामान्यीकृत प्रतिमान उपलब्‍ध कराने में मदद करता है. मुख्‍य प्रश्‍न साधारण चुम्बकों, धातुओं/सेमिकंडक्‍टर्स और सुपरकंडक्टर्स से इन सामग्रियों में अब तक अज्ञात सामूहिक इलेक्ट्रॉनिक व्यवहार की सैद्धांतिक समझ विकसित करने से संबंधित है.

क्वांटम उलझन कही जाने वाली विचित्र घटना को हमारे आस-पास की कई सामग्रियों में पदार्थ के इन इलेक्ट्रॉनिक चरणों को स्थिर करने में केन्‍द्रीय भूमिका निभाते हुए पाया गया है. हमारे दैनिक अनुभव की तुलना में क्वांटम उलझन का एक उल्लेखनीय प्रति-सहजज्ञान गुण इसकी गैर-स्थानीय प्रकृति है. यह सटीक पहलू है, जो इलेक्ट्रॉनों में नए सामूहिक व्यवहारों को उभरने की अनुमति देता है. इसके परिणाम बहुत चौंकाने वाले हैं. अन्य बातों के अलावा, यह तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण सतही धातुओं में बड़े इलेक्ट्रिक इंसुलेटर को ले जा सकता है या कंप्यूटिंग बिट्स के क्वांटम अनुरूपों (एनालॉग्स) को बनाने में मदद कर सकता है.

इलेक्ट्रॉन के नए संभावित ‘‘क्वांटम ऑर्डर्ड’’ चरणों और उनके वर्गीकरण के साथ-साथ नई सामग्रियों की अधिकता के लिए उनकी प्रासंगिकता पर ध्यान केन्द्रित करने वाली मुक्‍त सीमाएं, प्रो. भट्टाचार्जी के शोध हितों का केन्‍द्र बिन्‍दु है. उनके काम का उद्देश्य इन सामग्रियों के अंदर कई इलेक्ट्रॉनों के गुणों और उनके व्यवहार को नियंत्रित करने वाले नए उभरते सिद्धांतों की व्यापक सैद्धांतिक समझ का पता लगाना भी है. फिजिकल रिव्यू में प्रकाशित उनके पहले के अध्ययनों ने क्वांटम सामग्री के विभिन्न पहलुओं जैसे पदार्थ के सांस्थितिक (टोपोलॉजिकल) चरणों और उनके उद्दीपनों के साथ-साथ दानेदार ठोस पदार्थों में अप्रत्‍याशित विद्युत चुंबकत्व का अध्ययन किया गया है. सामूहिक रूप से, ये प्रयास एक नया परिज्ञान प्रदान करते हैं और हमारे आस-पास की प्रकृति के नवीन बुनियादी गुणों की हमारी समझ की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भविष्‍य की प्रौद्योगिकियों का आधार प्रदान करते हैं.

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित स्वर्णजयंती फेलोशिप की सहायता से इस अनुसंधान का उद्देश्य अद्भुत धातुओं के विभिन्न पहलुओं की नियंत्रित समझ उपलब्‍ध कराना है. प्रो. भट्टाचार्जी ने कहा, ‘‘यह शोध इन चरणों के सिद्धांत और प्रयोगों के बीच की खाई को कम करने में मदद करेगा और इन अद्भुत धातुओं में इलेक्‍ट्रॉन के परस्‍पर संबंधित व्‍यवहार को स्‍वरूप प्रदान करने वाली क्वांटम यांत्रिकी की महत्‍वपूर्ण भूमिका में परिज्ञान उपलब्‍ध कराना है.’’

 

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