गढ़वा: गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने राज्य सरकार से गढ़वा जिले में आये 20 कोरोना पॉजिटव मरीज से सबक लेने और आ रहे प्रवासी श्रमिकों की कोरोना जांच कराने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि गढ़वा जिला एक ही दिन में कोरोना मुक्त जिला घोषित होता है और उसी दिन 20 कोरोना पॉजिटिव मरीज भी सामने आ जाते हैं. यह प्रवासी श्रमिक हैं, जो सूरत से लौटे थे. यह देखा जा रहा है कि आ रहे प्रवासी श्रमिकों को बगैर क्वारेंटाइन किये घरों में भेज दिया जा रहा है. बेहतर तो यही होगा कि आ रहे प्रवासी श्रमिकों की सबसे पहले कोरोना जांच हो. अब तक 30 हजार प्रवासी श्रमिक झारखंड में आकर अपने- अपने घर चले गये मगर इन सबों की जांच नहीं हुई है. जबकि पहले से यह कहा जा रहा है कि प्रवासी श्रमिकों के आने से पूर्व सरकार कोरोना जांच की समुचित व्यवस्था रखें. मगर लगता है कि सरकार में बैठे लोग इस बात को समझ नहीं पा रहे है कि गुजरात और महाराष्ट्र में कोरोना महामारी का रूप ले चुका है और बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और इस राज्य से भी प्रवासी श्रमिक झारखंड में आ रहे हैं.
इस स्थिति में सरकार द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं किया जाना भी समझ से परे है. उन्होंने कहा कि यह तरफ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि झारखंड शीघ्र कोरोना मुक्त राज्य होगा. इससे सरकार की कार्यशैली का ही पता चलता है और अब यह दिखने भी लगा है कि सरकार थर्मल स्क्रीनिंग कर कोरोना जांच की औपचारिकता निभा रही है। यह समझना चाहिए कि कोरोना का खतरा टला नहीं है, बरकरार है.
बावजूद, इसके राज्य सरकार ग्रीन जोन, ऑरेंज जोन व रेड जोन में उलझी हुई है. यह देखा जा रहा है कि जब कोई जिला ग्रीन जॉन घोषित हो रहा है तो तत्काल ऑरेंज जोन में भी आ जा राहा है. कोरोना जांच के नाम पर क्या चल रहा है समझा जा सकता है. सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि आ रहे प्रवासी श्रमिकों की सर्वप्रथम कोरोना जांच करने के बाद ही उन्हें घरों में भेजा जाए. साथ ही लागू लॉक डाउन सख्ती से पालन कर आया जाए। अन्यथा स्थिति संभलने के बजाय बिगड़ेगी.