बिहार: कोरोना को लेकर इस वक्त भागलपुर से एक बड़ी खबर आ रही हे की बिहार के भागलपुर जिला सहित आसपास के कई जिलों में कोरोना की जाँच की वेवस्था बंद कर दी गई है.
आपको बता दें की अभी एक सप्ताह पहले ही यहाँ कोरोना का जाँच केंद्र बनाया गया था लेकिन सरकार ने आदेश देकर भागलपुर और आस पास के कुछ जिलों में कोरोना टेस्टिंग बंद करवा दिया है और कहा है की सभी टेस्टिंग सैंपल पटना भेजे जाएँ ,पटना में ही उन सैंपलों की जाँच होगी।
गौरतलब है की बिहार में अभी कोरोना टेस्टिंग के 5 सेंटर भी नहीं चल रहें हैं.
कोरोना को लेकर बिहार सरकार की विफलता की नयी कहानी सामने आ गयी है. बिहार के भागलपुर में कोरोना की जांच बंद हो गयी है. एक सप्ताह पहले ही यहां कोरोना की टेस्टिंग शुरू हुई थी. अब बिहार सरकार ने भागलपुर समेत आस-पास के जिलों के सैंपल को अब पटना भेजने को कहा है. ये हाल तब है जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर जिले में कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था करने का एलान कर रहे हैं. लेकिन बिहार सरकार कोरोना जांच के पांच सेंटर भी नहीं चला पायी.
जाँच किट की है कमी
बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने आज से भागलपुर समेत बांका और कटिहार के कोरोना मरीजों का सैंपल अब इस लैब के बजाय आरएमआरआई पटना में भेजने का निर्देश दिया है.
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक भागलपुर के मायागंज अस्पताल को दो मई को 369 कार्ट्रिज कोरोना जांच के लिए दिए गए थे. इस लैब में शनिवार तक कोरोना जांच के लिए कुल 117 सैंपल रखे गये थे, जबकि कार्ट्रिज सिर्फ 135 ही बचे थे. कार्ट्रिज की कमी को देखते हुए लैब ने जांच के लिए सैंपल लेने में असमर्थता जता दी. इसके बाद भागलपुर के सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पूरे मामले की जानकारी दी.
भागलपुर के सिविल सर्जन के पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव भागलपुर, बांका और कटिहार के सिविल सर्जन, कटिहार मेडिकल कॉलेज और जेएलएनएमसीएच के प्राचार्य- अधीक्षक को नया आदेश जारी किया. स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया है कि अब भागलपुर, बांका और कटिहार के कोरोना मरीजों का सैंपल पहले की तरह आरएमआरआई पटना में भेजा जायेगा.
नीतीश के दावे फेल
भागलपुर में कोरोना की जांच बंद होने के बाद फिर से नीतीश कुमार के दावे फेल होते नजर आ रहें हैं. नीतीश कुमार बिहार के सभी जिले में कोरोना की जांच की व्यवस्था करने का एलान कर रहे हैं. लेकिन हालत ये है कि सरकार पांच सेंटर भी नहीं चला पायी.