रांची: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर वैश्विक महामारी कोरोना संकट ने सभी तबके के लोगों की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है.
खासकर प्रतिदिन कमाने-खाने वालों की स्थिति काफी भयावह हो गई है. इन तबके में दर्जी, धोबी, नाई, लोहार, बढ़ई, ऑटो/रिक्शा चालक, फूल विक्रेता आदि प्रमुख हैं. ये ऐसे तबके हैं जो संकट की व्यापकता की आपाधापी में कहीं-न-कहीं नजरों से ओझल रह गए हैं.
लॉकडाउन के कारण इन सभी तबकों का व्यवसाय पूरी तरह ठप्प है. इस वजह से इन तबके के लोगों के समक्ष अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
ये तबके संकट की इस घड़ी में सरकारी सहायता से अब तक वंचित रहे हैं. इन्होंने सोचा कि यह संकट चंद दिनों का है, जल्द ही सबकुछ सामान्य हो जाएगा पंरतु लॉकडाउन अवधि के विस्तार के साथ-साथ इनकी परेशानी उसी अनुपात में लगातार बढ़ती गई.
इन्हें कोई रास्ता फिलहाल नहीं दिख रहा है. कर्नाटक आदि राज्यों में ऐसे ही कई तबके के लिए सरकार ने 5000 रूपये तक आर्थिक मदद के अलावा अन्य लाभ देने का ऐलान किया है.
झारखंड में भी संकट से प्रभावित इन तबकों को कुछ ऐसी ही सरकारी सहायता की अतिआवश्यकता है. मेरा सुझाव होगा कि झारखंड में ऐसे लोगों को चिन्हित कर 5000 रूपया की आर्थिक मदद का ऐलान सरकार को अविलंब करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है. इस पर तत्काल पहल करने की जरूरत है. उपर्युक्त सभी तबके समाज के और राज्य के ही महत्वपूर्ण अंग हैं. ऐसे में इनकी सुध लेना सरकार का ही दायित्व है.