दिल्ली: अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि पहले से ही उपलब्ध एंटीवायरल (वायरस से लड़ने वाली) दवाएं कोविड-19 के मरीजों के संक्रमण मुक्त होने की गति को तेज कर सकती हैं. इस अध्ययन से विश्वभर में इस महामारी का प्रकोप कम करने में मदद मिल सकती है. ‘फ्रंटियर्स इन इम्युनोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार इंटरफेरॉन (आईएफएन)- एटूबी दवा के इस्तेमाल से वायरस को शरीर से खत्म करने की गति में काफी तेजी लाई जा सकती है. यह अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों में कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी शामिल हैं.
इस अध्ययन के तहत अनुसंधानकर्ताओं ने चीन के वुहान में कोविड-19 के 77 मरीजों के एक समूह पर इस दवा के असर का आकलन किया. वैज्ञानिकों ने पाया कि इस दवा का प्रयोग कई वर्षों से हो रहा है इससे ऊपरी श्वसन मार्ग में वायरस के रहने की अवधि को औसतन करीब सात दिन तक कम किया जा सकता है. टोरंटो विश्वविद्यालय में अध्ययन की मुख्य लेखिका एलेनोर फिश ने कहा कि मेरा तर्क है कि हर नए वायरस संक्रमण के लिए एंटीवायरस बनाने के बजाए हमें उपचार के लिए सबसे पहले इंटरफेरॉन दवाओं का प्रयोग करना चाहिए.
फिश ने कहा कि इंटरफेरॉन दवाओं का कई वर्षों से उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, इसलिए रणनीति यह होनी चाहिए कि गंभीर वायरस संक्रमणों में उन्हें अलग मकसद के लिए इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने बताया कि ‘इंटरफेरॉन’ सभी वायरसों के जवाब में मानव शरीर में पैदा होने वाले प्रोटीन का समूह हैं. ये ऐसे अणु हैं जो कोशिकाओं ऊतकों के बीच संवाद में मदद करते हैं.
अध्ययन में कहा गया है कि इंटरफेरॉन वायरस के जीवन चक्र के विभिन्न चरणों को निशाना बनाकर काम करते हैं, ये वायरस को बढ़ने से रोकते हैं प्रतिरोधी क्षमता की सक्रियता बढ़ाने में मदद करते हैं.