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अधिकारियों को दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश
रांची: जिला नियंत्रण कक्ष 1950 में फोन कॉल के माध्यम से आने वाले मामलों के त्वरित निष्पादन को लेकर रांची समाहरणालय ब्लॉक ए स्थित कमरा संख्या 207 में बैठक आयोजित की गई.
उप विकास आयुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी, बुंडू उत्कर्ष गुप्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला सूचना पदाधिकारी शिवचरण बनर्जी, सीसीआर डीएसपी एवं जिला नियंत्रण कक्ष के सभी ऑपरेटर उपस्थित थे.
बैठक में उप विकास आयुक्त अनन्य मित्तल ने जिला नियंत्रण कक्ष के सभी कंप्यूटर ऑपरेटर से कहा कि लॉकडाउन के दौरान हेल्पलाइन नंबर 1950 में आने वाले किसी भी मामले के निष्पादन में गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें.
साथ ही सभी ऑपरेटरों को पूरी व्यवस्था की जानकारी होनी चाहिए ताकि किस मामले को कहां भेजना है, इसका निर्णय तुरंत लिया जा सके.
बैठक में उप विकास आयुक्त रांची ने कहा कि आइसोलेशन एवं क्वारंटाइन सेंटर से से जुड़े मामले आते हैं तो तुरंत इसके प्रभारी पदाधिकारी से संपर्क किया जाए. उन्होंने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को जिला नियंत्रण कक्ष में सभी संबंधित मामलों से जुड़े प्रभारी एवं वरीय पदाधिकारियों की अपडेटेड सूची उपलब्ध कराने को कहा.
जिला नियंत्रण कक्ष के सभी ऑपरेटर से बात करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि अगर फोन कॉल के माध्यम से आपको प्रवासियों के रांची जिला से पैदल गुजरने की सूचना मिलती है तो इसकी जानकारी फौरन संबंधित क्षेत्र के बीडीओ, सीईओ या थाना प्रभारी को दें. उन्होंने बताया कि वाहन के माध्यम से रांची जिला होकर दूसरे जिला जाने वाले लोगों को आवश्यक पूछताछ के बाद जाने दें.
बैठक में उप विकास आयुक्त ने कहा कि रेड जोन से आने वालों के बारे में जानकारी मिलती है तो उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखना है, जबकि ऑरेंज या ग्रीन जोन से आने वाले लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा सकता है और इसकी जानकारी एसी रांची को देनी है.
प्रवासियों के एक जगह होने की जानकारी मिलने पर उप विकास आयुक्त ने सभी ऑपरेटर को बताया कि उसकी जानकारी फौरन क्षेत्र के संबंधित बीडीओ या सीओ को दें. उन्होंने बताया कि ग्रीन, रेड और ऑरेंज जोन से आने वाले व्यक्तियों की टेस्टिंग होनी है. जिसकी सूची एसी रांची को दी जाएगी. व्यक्तियों की जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की प्रक्रिया की जाएगी.
उन्होंने बताया की होम क्वारंटाइन किए गए लोगों में संक्रमण के लक्षण की जानकारी मिलने पर ऑपरेटर संबंधित क्षेत्र के इंसिडेंट कमांडर को कॉल करें . मेडिकल टीम इंसिडेंट कमांडर के अंडर होती है जो ऑन द स्पॉट पहुंच कर आगे की कार्रवाई करेगी.
इसके अलावा बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी बुंडू उत्कर्ष गुप्ता ने ऑपरेटर्स को रिम्स, सीसीएल अस्पताल, मेडिकल इश्यू, प्रेगनेंसी, एम्बुलेंस, राशन से जुड़े मामले आदि को लेकर किससे संपर्क करें ताकि मामले का त्वरित निष्पादन हो, इसकी जानकारी दी. उन्होंने ऑपरेटर्स को बताया कि आप विभिन्न तरह के हेल्पलाइन नंबर से भी अपडेटेड रहे.
माइग्रेंट इंटरसेप्शन स्क्वायड होगा शुरु
बैठक में उप विकास आयुक्त मित्तल ने बताया कि प्रवासियों से जुड़े मामलों के और तेजी से निष्पादन के लिए माइग्रेंट इंटरसेप्शन स्क्वायड शुरू करने की योजना है. इनमें जिले के 2-3 प्रखंड को टैग किया जाएगा.
बसों के माध्यम से मजिस्ट्रेट प्रवासियों के मूवमेंट पर ध्यान देंगे. सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचेंगे और फिर प्रवासियों को शेल्टर होम तक ले जाया जाएगा.