गिरिडीह: गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने लॉक डाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों की दशा पर चिंता जाहिर की है और सड़क दुर्घटना में प्रवासी श्रमिकों की हुई मौत पर दुःख जताया है.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से प्रवासी मजदूर कष्ट उठाकर और जान जोखिम में डालकर उठाकर राष्ट्रीय राजमार्ग से चलकर झारखंड आ रहे हैं. इस क्रम में कई प्रवासी श्रमिक पैदल चलते-चलते काल के ग्रास में चले गए हैं और कई श्रमिकों की सड़क दुर्घटना में मौत भी हो गई है.
प्रवासी श्रमिक परिवहन साधन नहीं मिलने की वजह से थक हारकर पैदल चलने को विवश हैं. इस परिस्थिति में ट्रेन की संख्या बढ़ाया जाना जहां अति आवश्यक हो गया है. वहीं झारखंड सरकार को भी अपने नोडल अफसरों बसों के साथ को वहां भेजना चाहिए जहां से प्रवासी श्रमिक पैदल चल कर आ रहे हैं. मौजूदा समय में मानव एवं मानवता का ख्याल रखना प्रासंगिक व अपरिहार्य हो गया है.
इस आशय की बातें गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कही है और उन्होंने ट्रेन की संख्या बढ़ाने को लेकर रेल मंत्री को रेल मंत्री पीयूष गोयल का ध्यान भी आकृष्ट कराया है.
उन्होंने रेल मंत्री को प्रेषित अपने पत्र में कहा है कि गिरिडीह संसदीय क्षेत्र के गिरिडीह, बोकारो एवं धनबाद जिले के विभिन्न प्रखंडों के 2 से 3 लाख प्रवासी श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं. वर्तमान में जो श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही है. उसमें मात्र प्रतिदिन 2 हजार से 3 हजार प्रवासी मजदूर आ रहे हैं.
रेलवे द्वारा जो ट्रेन भुगतान के आधार पर चलाया जा रहा है. उसमें भी मजदूरों के घर वापस में महीनों लग जाएंगे. अभी तक राज्यभर के 50 हजार लोग ही वापस आ सके हैं. लाखों लोग अभी भी राज्य के बाहर हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा भी श्रमिक स्पेशल ट्रेन बढ़ाने की मांग की जा रही है.
2 महीने के लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों की आर्थिक की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है. अधिकतर प्रवासी मजदूर आर्थिक कारणों से ट्रेन टिकट का मूल्य भुगतान की स्थिति में भी नहीं है. ऐसे में राज्य से बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के लिए पर्याप्त संख्या में राज्य को श्रमिक सुविधा उपलब्ध कराना आवश्यक हो गया है.