लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में बेहतर कामकाज के लिए बृहस्पतिवार को सदस्यों को बधाई भी दी । 20 वर्षों के दौरान किसी भी सत्र के मुकाबले यह सबसे ज्यादा है। मौजूदा सत्र में पिछले 20 साल में सबसे ज्यादा कामकाज हुआ है और पीआरएल लेजिस्लेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार तक निचले सदन में 128 प्रतिशत कामकाज हुआ है। सदन में बृहस्पतिवार को शून्यकाल 4 घंटे 48 मिनट तक चला और इसमें 162 सदस्यों ने रात 10:50 बजे तक लोक महत्व के विभिन्न विषयों को उठाया।
उन्होंने सदन में वित्त विधेयक पारित होने के बाद सदन में हुए कामकाज का जिक्र किया और सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सदन में आम बजट पर 17 घंटे 23 मिनट की चर्चा हुई। अनुदान की मांगों के तहत रेल मंत्रालय के नियंत्राणाधीन अनुदान की मांगों पर 13 घंटे चर्चा हुई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्राणाधीन अनुदान की मांगों पर सात घंटे 44 मिनट चर्चा हुई।
अध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्रालय के नियंत्राणाधीन अनुदान की मांगों पर 10 घंटे 36 मिनट चर्चा हुई और युवा मामलों के मंत्रालय की अनुदान की मांगों पर लगभग चार घंटे चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि वह चर्चा में भाग लेने के लिए सभी सदस्यों को बधाई देते हैं। निचले सदन में पिछले कुछ दिनों से महत्वपूर्ण वित्तीय एवं विधायी कामकाज के कारण शून्यकाल नहीं हो सका था। ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ने वित्त विधेयक पारित होने के बाद करीब छह बजे शून्यकाल शुरू किया जो रात्रि 10:50 बजे तक चला।
इसमें 162 सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों को उठाया। लोकसभा में निर्धारित समय से देर तक काम हो रहा है और दो मौकों पर तो विधायी कामकाज पूरा करने के लिए सदन की बैठक देर रात तक चली।