रांची: कार्यस्थलों पर दिखा मजदूरों का आक्रोश ’कल-कारखानों से खदानों तक गूंजा नारा, लहराया पोस्टर और केन्द्र व मजदूर विरोधी सरकारों को दी चेतावनी देकर कहा देश के लिए धन पैदा करने वाले के अधिकारों पर हमले बंद करो अन्यथा लॉकडाउन के बाद देश का मेहनतकश शासक वर्ग को लॉकअप करेगा.
देश के केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और मजदूर फेडरेशनों के आह्वान पर कॉरपोरेट घरानों के इशारे पर कुछ राज्य सरकारों द्वारा श्रम कानूनों को फ्रीज किए जाने, महंगाई भत्ता स्थिर करने, कोयला उद्योग मे कमर्शियल खनन की इजाजत देने, काम का घंटा 8 से बढाकर 12 करने के खिलाफ एवं प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक निःशुल्क पहुंचाने के लिए रेल गाड़ियों की संख्या बढ़ाने, कोरोना से अग्रिम मोर्चे पर निपट रहे स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों और स्कीम वर्करों का बीमा तथा इनके संक्रमित होने पर इनके परिवार को भी आर्थिक सहायता देने, अगले तीन महीनों तक आयकर के दायरे से बाहर मजदूरों और अन्य नागरिकों के बैंक खाते में 7500 रू हर माह भेजे जाने और सभी को राशन प्रणाली के तहत निर्धारित दर पर जरूरत की चीजें उपलब्ध कराए जाने की मांगों को लेकर आज झारखंड में अखिल भारतीय विरोध दिवस आयोजित किया गया.