रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य में हो रही भूख की मौत की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है.
बाबूलाल मरांडी ने बताया कि 21 मई को भी देवघर के मोहनपुर इलाके में 40 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत भूख से हो जाने की खबर है. बताया जा रहा है कि दो दिनों से मृतक के यहां चूल्हा नहीं जला था.
उन्होंने कहा कि झारखंड प्रदेश में भूख से मौत पहले भी होती रही है. यह सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है. जैसी खबरें आ रही है कि आपकी सरकार गठन के 5 माह में अब तक 8-9 लोगों की मौत भूख से हो चुकी है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वर्तमान समय में आश्चर्य और दुखद पहलू यह है कि कोरोनो जैसी वैश्विक महामारी में जब सरकार की पूरी मशीनरी और पूरे महकमे का ध्यान राहत कार्यो की तरफ है. तब ऐसे में भूख से किसी की मौत अधिक पीड़ादायक हो जाती है.
दीदी किचन, सामुदायिक किचेन, पीडीएस व्यवस्था के सहारे प्रतिदिन लाखों लोगों को भोजन मुहैया कराने के राज्य सरकार के दावे पर ना चाहते हुए शंका उत्पन्न होना लाजिमी है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा झारखंड में वितरण के लिए प्रतिमाह 1 लाख 44 हजार टन अनाज उपलब्ध कराया जाता है. कहा जा सकता है कि राज्य में अनाज की इतनी उपलब्धता है कि किसी को भूखे मरने की नौबत नहीं आनी चाहिए. परंतु जब भूख से मौत हो रही है तो कहीं-न-कहीं वर्तमान व्यवस्था के क्रियान्वयन में गड़बड़ी है. इसके लिए एक कमेटी बनाकर बीडीओ, एमओ, पंचायत सेवक आदि की जिम्मेवारी तय करनी होगी.
उन्होंने कहा कि जिस इलाके में भूख से मौत होगी, वहां के बीडीओ, एमओ, पंचायत सेवक को सीधे तौर पर जिम्मेवार ठहराते हुए कार्रवाई होनी चाहिए. लॉकडाउन के बाद जो स्थिति आने वाली है, उससे आप भी अंजान नहीं होंगे. लीपापोती से यह सिलसिला थमने वाला नहीं है.