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राज्य में रिकवरी रेट 44.2 प्रतिशत
रांची: झारखंड के कोरोना संबंधित मामलों के मुख्य नोडल पदाधिकारी अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में अब तक 3 लाख 15 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि इन प्रवासी मजदूरों को बसों एवं स्पेशल ट्रेन के माध्यम से लाया गया है तथा सभी प्रवासी मजदूरों की स्क्रिनिंग भी की गई है.
वे आज झारखंड राज्य में कोरोना से बचाव और लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों को प्रोजेक्ट भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के लोगों से साझा कर रहे थे.
सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार की नई गाइडलाईन के उपरांत सुविधायें बढ़ी हैं. अब ट्रेनों को जहां से आना है, उस स्टेट की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है साथ ही विभिन्न जिलों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों के लिये भी अपने घर जाना आसान हो गया है क्योंकि ट्रेन अब शिड्युल्ड तरीके से चल रही है.
वंदे भारत मिशन के तहत अब तक 18 लोग विदेश से वापस आ चुके हैं जिनमें से 13 लोगों को झारखंड में पेड क्वारंटाइन में रखा गया है जबकि अन्य पांच लोगों को देश के अन्य स्थानों पर क्वारंटाइन किया गया है.
उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव झारखंड की ओर से अन्य प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र प्रेषित कर समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि वैसे मजदूरों को बस तथा अन्य माध्यमों से झारखंड में वापस लाया जा सके जो पैदल चलते हुए अपने घर वापस आ रहे हैं. इस प्रक्रिया में होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार की ओर से किया जायेगा.
103 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से झारखंड आई हैं और 84 ट्रेन आगे के लिए शेड्यूल्ड
राज्य स्तरीय यातायात सचिव के रवि कुमार ने कहा कि अभी तक बस के माध्यम से लगभग 1 लाख 1 हजार 229 लोग राज्य में वापस आ चुके हैं.
वहीं 103 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से झारखंड आई है और 84 ट्रेन आगे के लिए शेड्यूल्ड है. अभी तक 1 लाख 38 हजार 564 प्रवासी मजदूर श्रमिक एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन के माध्यम से राज्य में वापस आ चुके हैं. राज्य में निजी वाहनों से भी आवागमन के लिए पास निर्गत किया जा रहा है. अभी तक कुल 2 लाख 17 हजार 214 आवेदन प्राप्त हुए जिनपर विचार कर कार्रवाई की गई है.
जो प्रवासी आने को इच्छुक हैं, उन्हें वापस लाया जा रहा है
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश के बाद कई राज्यो से लोगों की वापसी हो रही है. काफी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आ रहे हैं इस संदर्भ में सभी ग्रास रूट लेवल पर कार्य किये जा रहे हैं.
उन्होंने सोशल पुलिसिंग पर जोर देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षे़त्रों में विशेष सतर्कता के लिये सभी जिला के उपायुक्तों को गाइडलाइन के मुताबिक काम करने का आदेश निर्गत किया गया है.
इस हेतु ग्राम प्रमुख, मुखिया,आंगनवाड़ी सेविका, सहिया, चौकीदार, स्कूल कमिटी, शिक्षक आदि को घर-घर तक जानकारी पहुंचाने और उन्हें कोरोना वायरस से बचाव के क्रम मे कैसे रहना है इस ओर प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है.
कौशल ने कहा कि वर्तमान में होम क्वारंटाईन में 1 लाख 57 हजार 941 लोगों को रखा गया है जबकि सरकारी क्वारंटाईन सेंटर में 1 लाख 12 हजार 189 लोगों को क्वारंटाईन किया गया है.
उन्होंने कहा कि आपदा विभाग की ओर से अब तक 74 करोड़ 53 लाख 28 हजार रूपये की राशि विभिन्न जिलों एवं विभागों को कोविड से संबंधित मामलों के निष्पादन के लिये आवंटित की गयी है.
इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी को अधिकृत किया गया है जिन्हें तय करना है कि जिलों में कहां और क्या व्यवस्था करनी है.
कोविड-19 के राज्य में अभी 308 में 136 रिकवर, 169 एक्टिव केस
स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि राज्य में अभी तक 308 लोग कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं जिसमें 136 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं, 3 की मृत्यु हो गई है.
राज्य में अभी कुल 169 एक्टिव केस है. सरकार की ओर से अब तक राज्य में 42 हजार 245 टेस्ट किये गये हैं जिनमें सरकार द्वारा स्थापित लैब में 40 हजार 280 टेस्ट हुए हैं जबकि 1 हजार 965 टेस्ट निजी लैब किये गये हैं.
राज्य में अभी मृत्यु दर 0.97 प्रतिशत है. केंद्र सरकार के नई गाईडलाईन के अनुसार राज्य में कोई जिला रेड जोन नहीं है. राज्य में टेस्टिंग के लिए 10 नई ट्रूनेट मशीन लगा दी गयी हैं. इस मशीन के स्थापित होने से जांच की प्रक्रिया में तेजी आयेगी और दिनभर एक मशीन से 40 टेस्ट किये जा सकेंगे.
उन्होनें कहा कि खूंटी, पाकुड़ और साहेबगंज में एक भी कोविड-19 का पॉजिटिव केस नहीं आया है. वहीं 19 हजार 686 प्रवासी मजदूरों के टेस्ट लिये गये हैं. राज्य में रिकवरी रेट 44.2 प्रतिशत है.