दिल्ली: लॉकडाउन के चलते मजदूरों के पलायन के कारण आर्थिक गतिविधियों को शुरू करना तो मुश्किल हो ही रहा है, साथ ही मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना भी चुनौती बन गया है.
लॉकडाउन के चौथे चरण के बाद यानी 31 मई के बाद राज्यों की सीमाओं का प्रतिबंध खत्म हो सकता है. दूसरी तरफ घरों तक पहुंचे मजदूरों को वहीं पर रोजगार देने केंद्र में उच्चस्तरीय कोशिशें शुरू हो गई हैं. इसके लिए सामाजिक कल्याण व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय समूह (जीओएम) बनाया गया है.
लॉकडाउन के चौथे चरण में पहुंचने के बाद और छूटों के साथ आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने में बड़ी बाधा मजदूरों की कमी का होना है. राज्यों की सीमाएं सार्वजनिक परिवहन और निजी परिवहन के लिए अधिकांशत: बंद होने के चलते ये दिक्कतें और बढ़ी हैं.
सरकार में एक विचार यह भी है कि जब ट्रेन द्वारा लोग एक राज्य से दूसरे राज्य आ-जा सकते हैं तो सड़क सीमाएं भी खोल देनी चाहिए. इससे लोगों को कामकाज तक पहुंचने में आसानी होगी और सबसे ज्यादा लाभ औद्योगिक इकाइयों को होगा जो अधिकांश राज्यों में सीमावर्ती क्षेत्रों में है.
दिल्ली में भी एनसीआर क्षेत्र में सीमाएं बंद होने से दिक्कतें बढ़ी हैं. इन्हें भी सीमाएं खुलने पर दूर किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार 31 मई को जब लॉकडाउन का चौथा चरण पूरा होगा तो इन सीमाओं को खोला जा सकता है.
हालांकि, अब भी केंद्र ने राज्यों को कहा है कि वे आपसी सहयोग से अंतर राज्य सार्वजनिक परिवहन सेवाएं शुरू कर सकते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अधिकांश सीमाएं प्रतिबंधों के साथ ही खुली हुई हैं और सार्वजनिक परिवहन लगभग बंद है.