नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुुए बताया है कि 24 मार्च 2020 से अब तक लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत, लगभग 9.55 करोड़ किसान परिवारों को 19,100.77 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है.
इस योजना के लिए अगर आपने आवेदन किया है और ये जानना चाहते हैं कि लाभार्थियों की लिस्ट में आपका नाम है या नहीं, तो वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर चेक कर सकते हैं. यहां पर लाभार्थियों की नई लिस्ट अपलोड हो रही है.
राज्य/जिलेवार/तहसील/गांव के हिसाब यहां आप अपना नाम चेक कर सकते हैं.
नई लिस्ट में ऐसे करें नाम चेक- पहले वेबसाइट pmkisan.gov.in ओपन करें.
होम पेज पर मेन्यू बार में ‘फार्मर कार्नर’ पर क्लिक करें. ‘लाभार्थी सूची’ पर क्लिक करें. अपने राज्य, जिला, उप-जिला, ब्लॉक और गांव की जानकारी भरें. इसके बाद Get Report पर क्लिक करें और अपना नाम चेक करें
ये डॉक्युमेंट होना जरूरी-
- पीएम किसान सम्मान निधि योजना का फायदा उठाने के लिए किसान के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है.
- आधार कार्ड के बिना इस योजना का फायदा नहीं उठा सकते हैं. साथ ही 2000 रुपये की किश्त पाने के लिए बैंक में अकाउंट होना भी जरूरी है. डीबीटी के जरिए खाते में पैसे भेजा जाता है.
- बैंक अकाउंट का आधार से लिंक होना भी जरूरी है. अगर कोई डॉक्युमेंट जमा करने से रह गया है तो ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं.
- अगर अभी तक पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन नहीं किया है तो इसी वेबसाइट के जरिए खुद ही ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसी भी किसान परिवार का हर बालिग सालाना खेती-किसानी के लिए 6000 रुपये की सरकारी मदद ले सकता है. शर्त ये है कि रेवेन्यू रिकॉर्ड में उसका नाम हो.
किसानों को डायरेक्ट मदद देने वाली पहली स्कीम में परिवार का मतलब है पति-पत्नी और 18 साल से कम उम्र के बच्चे. उसके अलावा अगर किसी का नाम खेती के कागजात में है तो उसके आधार पर वो अलग से लाभ ले सकता है. भले ही वो संयुक्त परिवार का हिस्सा ही क्यों न हो.
एक ही घर में कई लोगों को मिलेगा 6000 रुपया
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि एक ही खेती योग्य जमीन के भूलेख पत्र में अगर एक से ज्यादा व्यस्क सदस्य के नाम दर्ज हैं तो योजना के तहत हर व्यस्क सदस्य अलग से लाभ के लिए पात्र होगा. इस स्कीम में तीन किश्तों में सालाना 6000 रुपये की नगद आर्थिक मदद मिलती है.