दिल्ली: पुलिस ने पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष को राज्य के चक्रवात प्रभावित दक्षिण 24 परगना जिले के कई इलाकों में जाने से रोक दिया जिसके बाद भाजपा और राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. घोष चक्रवात अम्फान प्रभावित इलाकों में शामिल कैनिंग और बासंती में राहत सामग्री ले कर जा रहे थे तभी जिले के गराई इलाके के धलाई पुल के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
घोष ने बताया, मुझे नहीं पता कि क्यों मुझे चक्रवात प्रभावित इलाकों में जाने से रोका गया. तृणमूल के नेता उन स्थानों पर जा रहे हैं और राहत सामग्री बांट रहे हैं. पुलिस उन्हें नहीं रोक रही है. नियम केवल भाजपा नेताओं के लिए बदलते हैं. घोष ने कहा कि यदि उन्हें प्रभावित इलाकों में जाने की इजाजत नहीं दी गई तो वह धरने पर बैठ जाएंगे.
उन्होंने कहा, अगर राज्य सरकार राहत पर राजनीति करना चाहती है तो उन्हें हमारे कार्यकर्ताओं से इसके जवाब के लिए भी तैयार रहना चाहिए. इससे पहले घोष और पार्टी के कार्यकर्ताओं की पुलिसकर्मियों के साथ झड़प हुई और कार्यकर्ताओं ने घोष की गाड़ी को जाने देने के लिए पुलिसकर्मियों को धक्का दिया. पुलिस ने हालांकि इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार किया. कोलकाता के महापौर और राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि भाजपा राहत सामग्री को बांटने में भी राजनीति करने पर तुली हुई है.
ये राजनीति करने का यह सही समय नहीं: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बिजली सेवा बहाल करने के लिए हम जो भी संभव हो कर रहे हैं। चक्रवात अम्फान एक आपदा थी। राजनीति करने का यह सही समय नहीं है। हमने कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉर्पोरेशन (सीईएससी) से बहाली के लिए बात की है। मैं लोगों धैर्य रखने का अनुरोध करना करती हूं।