रांची: कृषि मंत्री बादल ने कहा कि उनके राजनीतिक जीवन में राजेंद्र चाचा का अहम रोल रहा है, वे आज जहां खड़ा हैं , उसमें उनका अहम योगदान है. राजनीति में उनके लिए वे हमेशा से आदर्श के रूप में रहे, जैसे पेड़ के नीचे छांव मिलती है, ठीक वैसे ही उन्हें उन के सानिध्य में रहकर हमेशा से छांव का एहसास होता रहा. एक ऐसा छांव जिसने राजनीति में उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, आज वे खुद को अकेला महसूस कर रहा हूं. आज उन्होंने एक ऐसे अभिभावक को खो दिया है, जिन्होंने उन्हें कई सीख दी.
2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट दिलवाने की बात हो या चुनाव लड़ाने की बात हर कदम वह हमारे साथ रहे. वे जब भी उनसे मिले हमेशा उन्होंने उन्हें एहसास कराया कि वे भी उनके पुत्र के सामान हैं, जैसे अनूप बाबू और गौरव बाबू. उनके एक वाक्य से उनकी विशालता को समझा जा सकता है जब मैं मंत्री बनने के लिए शपथ लेने राजभवन के बिरसा मंडप जाने वाला था, उससे ठीक पहले उनका आशीर्वाद लेने रांची स्थित उनके आवास पहुंचा. उन्होंने उन्हें आशीर्वाद स्वरूप कुछ बातें कहीं. उन्होंने कहा कि यदि नाम लेकर कोई व्यक्ति अगर तुम्हारे पास आये और पैरवी करें तो बिल्कुल मत करना, जब तक खुद संतुष्ट ना हो जाओ, तुम्हारा कोई कितना भी करीबी क्यों ना हो किसी फाइल को बिना पढ़े और नियम कानून को बिना समझे उस पर कोई निर्णय मत करना.
उनके यह चंद शब्द उनके विशाल हृदय और राज्य के प्रति उनकी एक बेहतर सोच को परिलक्षित करती है. उनके जीवन में उनकी कई बातें हैं जो लिखूंगा तो एक किताब बन जाएगी. उनका जाना उनके े राजनीतिक जीवन के लिए वैसा ही है जैसे एक बच्चे के सर से उसके पिता का साया चला जाना.