रांची : राजधानी रांची के सिवरेज ड्रेनेज को लेकर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और राज्य सभा सांसद महेश पोद्दार आमने-सामने हैं. वहीं राज्य के कैबिनेट मंत्री सरयू राय ने इस मामले में स्पष्ट कहा है कि मेनहर्ट की नियुक्ति ही गलत थी. 2006 में विधानसभा की कमेटी सरयू राय की अध्यक्षता में बनी थी. कमेटी ने जांच में पाया था कि मेनहर्ट की नियुक्ति गलत थी.
वह टेंडर के पैमाने पर भी खरा नहीं उतरा था. सरयू राय शुक्रवार को सूचना भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि निगरानी तकनीकी सेल ने भी मेनहर्ट को अयोग्य करार दिया था. मेनहर्ट के रहते रांची का सिवरेज ड्रेनेज अनंत काल तक नहीं सुधर सकता. पूरी तरह से बर्बादी है. फिर कहा कि लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पाई.
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर साधा निशाना :
सरयू राय ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर भी निशाना साधा. कहा कि पिछले साल अगस्त से ही कहा जा रहा है कि प्रदूषण मापने के लिए रियल टाइम मॉनिटिरिंग सिस्टम लगाएं, लेकिन अब तक नहीं लगा. वन विभाग के सामने जो मॉनिटर लगा है, उसमें भी सही आंकड़ा नहीं आता. जब उनसे पूछा गया कि इसकी मशीन कहां है तो वन विभाग ने कहा गेस्ट हाउस के अंदर मशीन है और यह सिर्फ दिखाने के लिए है. प्रदूषण से दर्दनाक मौत हो रही है. खनन क्षेत्र और इंडस्ट्रीज में मॉनिटिरिंग सिस्टम लगाने की जरूरत है.
धोती-साड़ी का होना चाहिए वितरण :
मंत्री ने कहा कि हेमंत सरकार के समय धोती-साड़ी वितरण शुरू हुआ था. इसके लिए बजट में भी प्रावधान है. लेकिन वित्त विभाग और राज्य स्तर से भी इसकी स्वीकृति नहीं मिली. गांव व शहर के गरीबों को कम-से-कम साल भर में एक जोड़ी साड़ी और धोती मिलनी ही चाहिए. जहां तक राशन दुकानों में चना वितरण का सवाल है, तो इसकी क्वालिटी की जांच तक आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.