नई दिल्ली: पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले को देश नहीं भूल सका है. इस घटना के जख्म आज भी लोगों के दिलों में जिन्दा हैं. अब इस घटना के एक साल बाद इससे जुड़े एक बड़े रहस्य का पर्दाफाश हुआ है.
खबर के अनुसार, अधिकारी इस घटना से जुड़े छोटे-छोटे सबूतों को जोड़ कर बड़े खुलासे करने की कोशिश में जुटे हैं और अब उन्हें इस घटना की पूरी प्लानिंग के खुलासे को लेकर बड़ी कामयाबी मिली है.
अधिकारियों की माने तो इस पूरी घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने छोटी-छोटी चोरियां की थीं और इन चोरियों से ही सारा सामान इक्कठा किया था. आतंकियों ने पत्थर की खानों से लगभग 500 जिलेटिन छड़े चोरी की थीं.
इसके अलावा इन आतंकियों ने आसपास की दुकानों ने छोटी-छोटी मात्र में अमोनियम नाइट्रेट और अमोनियम खरीदा और इसके साथ ही पाकिस्तान से आरडीएक्स को कई बार में छोटी-छोटी मात्रा में मंगाया.
बताया जा रहा है कि जिलेटिन की छेड़ें जिसमें नाइट्रोग्लिसरीन होता है, उन्हें खुफिया एजेंसियों की नजरों से बचाने के लिए कम मात्रा में जमा किया गया. बाकि सामान दुकानों से और आरडीएक्स पाकिस्तान से मंगाया गया.
इस बारे में पहले ही फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जा चुकी थी कि इस आत्मघाती हमले में अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोग्लिसरीन और आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था.
वहीं, अधिकारियों का कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद कमांडर मुदस्सिर अहमद खान, इस्माइल भाई उर्फ लम्बू, समीर अहमद डार और शाकिर बशीर माग्रे ने चट्टानों को तोड़ने वाली कंपनी में इस्तेमाल होने वाली जिलेटिन की छड़ों को छुट-पुट चोरी करते हुए धीरे-धीरे जमा किया था.