टोक्यो: जापान के एक मेडिकल ग्रुप ने कहा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क नहीं पहनना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और दम घुटने का खतरा बढ़ सकता है.
इस बीच जापान बाल चिकित्सा एसोसिएशन ने माता-पिता को चेतावनी दी है कि शिशुओं के लिए मास्क बहुत जोखिम भरा है. संगठन ने सभी माता-पिता से तत्काल यह अपील की है क्योंकि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद देश को अब एक बार फिर से खोला जाने लगा है.
जापान के पीडियाट्रिक एसोसिएशन ने माता-पिता को चेतावनी दी है कि शिशुओं के लिए मास्क बहुत जोखिम भरा है. एसोसिएशन ने कहा कि मास्क की वजह से सांस लेना मुश्किल हो सकता है क्योंकि शिशुओं की सांस नली संकरी होती है. इसकी वजह से उनके दिल पर दबाव बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि मास्क उनके लिए हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ाते हैं.
एसोसिएशन ने अपनी वेबसाइट पर दिए एक नोटिस में कहा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मास्क का इस्तेमाल बंद कर दें. इसमें कहा गया है कि अब तक बच्चों के बीच कोरोना वायरस के बहुत कम गंभीर मामले सामने आए हैं और ज्यादातर बच्चे परिवार के सदस्यों से संक्रमित हुए थे, जिनमें स्कूलों या डे केयर सुविधाओं का कोई प्रकोप नहीं था.
प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सोमवार को जापान भर में संक्रमण की संख्या के कम होने के बाद टोक्यो और चार शेष क्षेत्रों के लिए आपातकाल की स्थिति को हटा दिया. मगर, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वायरस फिर से फैलने लगा, तो आपातकाल को फिर से लगाया जा सकता है.
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दुनिया भर में स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं, खासतौर से उस वक्त जब सामाजिक दूरी को बनाए रखना मुश्किल हो क्योंकि देशों ने कोरोना वायरस के चलते किए गए शटडाउन के बाद प्रतिबंधों में ढील देनी शुरू कर दी है. दरअसल, दुनियाभर की सरकारों को अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने का भी डर सता रहा है.