NewDelhi: कोरोना संक्रमित मरीज से 11 दिन बाद ज्यादातर मरीजों से औरों में संक्रमण फैलने का खतरा न के बराबर हो जाता है.
सिंगापुर स्थित राष्ट्रीय संक्रामक रोग केंद्र (एनसीआईडी) के अध्ययन में यह दावा किया गया है.
वैज्ञानिको ने अस्तपालों में भर्ती 73 संक्रमितों से वायरस के प्रसार का खतरा आंका। जिसमे पाया कि लक्षण उभरने के सात दिन तक तो मरीज में वायरस की संख्या बढ़ने और हवा में उसका प्रसार होने की आशंका अधिक रहती है, लेकिन आठवें से दसवें दिन के भीतर यह कमजोर पड़ने लगती है और 11वां दिन बीतते-बीतते पूरी तरह नष्ट हो जाती है.
रिसर्च में शामिल डॉक्टर अशोक कुरुप की मानें तो शोध के नतीजे बेहद सटीक हैं. इन्हें कोविड-19 से जूझ रहे मरीजों पर लागू करना सुरक्षित है, फिर चाहे गंभीर रूप से ही संक्रमित क्यों न हों. हालांकि, गंभीर रूप से बीमार मरीजों को लंबे समय तक सघन चिकित्सा की जरूरत पड़ती है. इसलिए पृथक रखने की आवश्यकता न होने के बावजूद उन्हें 11 दिन बाद छुट्टी देना मुनासिब नहीं रहेगा, क्योंकि वे दूसरों में संक्रमण भले ही न फैलाएं, लेकिन उनकी खुद की जान को खतरा हो सकता है.
एनसीआईडी के निदेशक लियो यी कहते हैं, शोध दर्शाता है संक्रमण के लक्षण उभरने के 11 दिन बाद मरीज औरों के लिए खतरनाक नहीं रह जाता. ऐसे में गृह मंत्रालय संक्रमितों को अस्पताल से छुट्टी देने के नियम में बदलाव कर सकता है.