लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि सूबे के सभी 4,418 विद्युत उपकेंद्र आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे. उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ताओं के साथ ही कार्मिकों का भी भला होगा. साथ ही सभी उपकेंद्रों पर 24 घंटे निर्बाध बिजली मिलेगी.
ऊर्जा मंत्री ने इसके लिए उप्र पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष को निर्देशित किया कि वह नियमित इसकी समीक्षा करें और लापरवाही पर जवाबदेही भी सुनिश्चित करें.
श्रीकान्त शर्मा आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा उपकेंद्रों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
मंत्री ने बताया कि उपकेंद्रों को लाइन हानियों के हिसाब से ग्रीन, ऑरेंज व रेड कटिगरी में बांटा गया है. 15 फीसदी से कम लाइन हानि पर ग्रीन, पिछले वर्ष डिस्कॉम की औसत लाइन हानि की सीमा तक ऑरेंज व उससे ऊपर लाइन हानि वाले उपकेंद्र को रेड कैटेगरी में रखा गया है. प्रदेश के सभी 4418 उपकेंद्रों को श्रेणीवार ग्रीन, ऑरेंज व रेड में बांटा गया है.
सुधार कार्यों की धीमी प्रगति पर मंत्री ने नाराजगी भी जताई. निर्देश दिया कि सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक इसकी स्वयं से समीक्षा करें. ढिलाई स्वीकार्य नहीं है. भविष्य में प्रबंध निदेशक की भी जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी.
उन्होंने कहा कि हर उपकेंद्र को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने हेतु उपभोक्ता सेवाओं में सुधार, तकनीकी का अधिक से अधिक उपयोग और मितव्ययिता पर काम करने की जरूरत है.
उपभोक्ताओं को बिना असुविधा सभी सुविधाएं मिलें, यह सुनिश्चित कराया जा रहा है. उपकेंद्र पर जितनी बिजली जा रही है उतना राजस्व भी विभाग को मिले. इसके लिए सभी प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं. सेवा और व्यवहार सही है तो उपभोक्ता बिजली घर तक चलकर बिल जमा करने आते हैं.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अभी हम 15 प्रतिशत से कम लाइन लॉस वाले गांवों में भी 24 घंटे बिजली दे रहे हैं. शहरों में हम पहले से ही निर्बाध आपूर्ति दे रहे हैं.
लाइन हानियां कम होंगी तो निश्चित रूप से उसका लाभ नीचे तक उपभोक्ता को जाएगा. उन्होंने कहा कि इस अभियान में बेहतर कार्य करने वाले कार्मिकों को पुरस्कृत भी किया जाएगा.