धनबाद : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धनबाद नगर निगम में आठ करोड़ की ई-गवर्नेंस योजना के तहत कंप्यूटर सामग्रियों और अन्य उपकरणों की आपूर्ति में बरती गई अनियमितता को लेकर तत्कालीन नगर आय़ुक्त मनोज कुमार, तत्कालीन उप नगर आय़ुक्त प्रदीप कुमार प्रसाद और अनिल कुमार यादव के खिलाफ अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है.
मंगलवार को जारी आदेश में इन तीनों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश दिया है. इसके साथ नगर निगम के तत्कालीन अरबन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है, वहीं कनीय पर्यवेक्षक सह भंडारपाल हरिशचंद्र पांडेय एवं लेखापाल अनिल कुमार मंडल को निलंबित कर दिया गया है.
बिना आपूर्ति के ही वायम टेक्नोलॉजी को 2.65 करोड़ का भुगतान
धनबाद में ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट के लिए मेसर्स वायम टेक्नोलॉजी के साथ वर्ष 2016 की मार्च में एग्रीमेंट हुआ था. वायम टेक्नोलॉजी को विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर मॉड्यूल तैयार करने, आवश्यक हार्डवेयर उपकरण उपलब्ध कराने व डाटा एंट्री आदि काम करना था. एग्रीमेंट के अनुसार वायम टेक्नोलॉजी को निश्चित समय तक रख-रखाव भी करना था. अधिकारियों पर आरोप था कि फर्जी बिल के आधार पर कंपनी को 2.65 करोड़ का पेमेंट कर दिया गया. कंपनी ने जिन सामग्रियों की आपूर्ति ही नहीं की थी, उसका भी भुगतान निगम की ओर से कर दिया गया था.
अरबन रिफार्म स्पेशलिस्ट पर हो चुकी है एफआईआर
घोटाले में पिछले साल नगर निगम की ओर से पिछले 24 अप्रैल को ई-गवर्नेंस में 2.65 करोड़ रुपये के घोटाले में अरबन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के खिलाफ धनबाद पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करायी गयी थी.