राहुल मेहता,
इतिहास गवाह है, छोटे-छोटे प्रयासों ने बड़ी-बड़ी महामारियों को मात दी है. पानी जमने नहीं देना, पानी गर्म कर पीना, शारीरिक दूरी बना कर रखना कुछ ऐसे ही सफल सरल उपाय रहे हैं.
कोरोना के दौरान बुजुर्ग अपनी देखभाल हेतु निम्न कदम उठायें:
- घर में रहें. घर में आगंतुकों से मिलने से बचें. यदि बैठक आवश्यक है, तो एक मीटर की दूरी बनाए रखें.
- अपने हाथों और चेहरे को साबुन और पानी से नियमित अंतराल पर धोएं.
- छींक और खांसी आये तो अपनी कोहनी या टिशू पेपर/रूमाल का इस्तेमाल करें. खांसने या छींकने के बाद अपने रूमाल को धो लें. टिशू पेपर को डस्टबिन में फ़ेंक दें.
- घर पर पका हुआ ताजा गर्म भोजन के माध्यम से उचित पोषण सुनिश्चित करें, नियमित अंतराल पर पानी पियें. यदि संभव हो तो ताजा रस का सेवन करें.
- हल्का व्यायाम और योग करें.
- अपनी दैनिक निर्धारित दवाएं नियमित रूप से लें. कम से कम एक सप्ताह का दवा का स्टॉक रखें.
- अपने परिवार के सदस्यों (जो आपके साथ नहीं हैं), रिश्तेदारों, दोस्तों से कॉल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करें, यदि आवश्यक हो तो परिवार के सदस्यों की मदद लें.
- अपने स्वास्थ्य की निगरानी करें. यदि आप बुखार, खांसी और/ या साँस लेने में कठिनाई महसूस करते हैं, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य देखभाल सुविधा से संपर्क करें और दी गई चिकित्सा सलाह का पालन करें.
- परिवार के सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण विचार साझा करें. बच्चों को सीख वाली पुरानी घटना बताएं.
- छत, बालकोनी, आँगन में कुछ वक्त अवश्य बिताएं.
बुजुर्ग अपनी उचित देखभाल के लिए निम्न से बचें:
- अपने हाथों में या अपना चेहरा ढके बिना छींके और खांसे नहीं.
- यदि आप बुखार और खांसी से पीड़ित हैं तो दूसरों के पास न जाएं.
- अपनी आंखों, चेहरे, नाक और जीभ को न छुएं.
- प्रभावित / बीमार लोगों के पास न जाएं.
- कोई समस्या होने पर अपना चिकित्सा खुद न करें.
- अपने दोस्तों और आस-पास के लोगों से न तो हाथ मिलाएं न ही गले लगाएं.
- रुटीन चेकअप या फॉलोअप के लिए अस्पताल न जाएं. जितना संभव हो सके अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ टेली-परामर्श पर भरोसा करें.
- पार्कों, बाजारों, और धार्मिक स्थानों जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाएँ.
- जब तक यह आवश्यक न हो, बाहर न जाएं.
- बहुत ज्यादा टीवी न देखें. कोरोना पर बहुत ज्यादा चर्चा न करें.
बुजुर्गों की देखभाल
- उनके शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें. उनके साथ पर्याप्त समय बिताएं.
- उनके सामाजिक संपर्कों को प्रोत्साहित करें.
- घर में बुजुर्गों के अनुरूप एक रूटीन स्थापित करें और उसका पालन करें.
- यदि वे कोई जानकारी मंगाते हैं तो सटीक जानकारी दें.
- सुरक्षा के बारे में नियमों को तोड़े बिना गतिविधियों में भागीदारी को प्रोत्साहित करें.
- यादाश्त समस्याओं वाले बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखें.
- उनकी उपस्थिति में समाचार देखने, पढ़ने और सुनने में सावधानियाँ बरते.
- घर में सकारात्मक और आशावादी माहौल बना कर रखें.
- किसी प्रकार के वाद-विवाद से परहेज करें.
याद रखें: कोई समस्या स्थाई नहीं. कोई व्यक्ति समस्या से कितना प्रभावित होता है यह उस पर भी निर्भर करता है.
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