दिल्ली: प्रकाश जावड़ेकर ने देश में फैले कोरोना वायरस से लेकर अर्थव्यवस्था की हालत पर भी चर्चा की. साथ ही प्रवासी कामगारों को लेकर उन्होंने कहा कि जो मजदूर सड़कों पर हैं उन्हें मैं कहूंगा कि पैदल घर मत जाइए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “उद्योगपतियों को वर्कर से संबंध बनाने होंगे. केवल वेतन देकर अगर रिश्ता खत्म करोगे तो वर्कर घर जाएंगे. ऐसे में एक नई समझ इस बीमारी ने सबको सिखाई है कि अपने यहां काम करने वालों की परवाह करनी चाहिए.”
उन्होंने कहा कि जो मजदूर सड़कों पर हैं उन्हें मैं कहूंगा कि पैदल घर मत जाइए. पिछले दिनों हजारों ट्रेन चली हैं और 50 लाख मजदूर घर पहुंचे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जाने में समय लगेगा तो आपको इंतजार करना होगा. भागना नहीं होगा.
Lockdown-5 पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत को अब जान भी जहान भी पॉलिसी पर काम करना होगा. जान पर हमने काम किया है अब फिर से जहान पर काम करना है. जहान मतलब अर्थ व्यवस्था.
देश के कुछ शहर हैं जहां संक्रमण बढ़ रहा है. हालांकि कुछ छूट दी गई हैं. हमें धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाना है. लॉकडाउन साइंस पर आधारित है. इसके बारे में अभी नहीं कहा जा सकता. ये आगे ही पता लगेगा.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “भारत में पहले कम सैनेटाइजर बनता था, आज करोड़ों सैनेटाइजर बन रहे हैं. पीपीई किट नहीं बनते थे लेकिन आज बनने लगे हैं. इन सब में हम दूसरे देशों पर निर्भर थे. आज हम इसमें आत्मनिर्भर हुए हैं. ये चार महीनों में बड़ी उपलब्धि है.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना की महामारी अचानक आई. मुझे याद है कि अपने यहां 30 जनवरी को पहला मामला आया. लेकिन इसके एक महीने पहले ही पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठकों में कहना शुरू कर दिया था कि हमें इसके लिए तैयार रहना होगा.
उन्होंने कहा कि मैं जंक फूड नहीं खाता. अपने दोस्तों और करीबियों से कोशिश रहती है कि रोज बात कर लूं.