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सभी नेताओं-कार्यकर्त्ताओं ने एकजुट होकर संदेश दिया
रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर केन्द्र सरकार को जगाने को लेकर कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्त्ताओं और समर्थकों ने आज झारखंड में भी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में ‘स्पीक अप इंडिया’ कार्यक्रम के तहत सोशल मीडिया के माध्यम अभियान चलाया.
इस अभियान के तहत पार्टी नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना संकट से विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे आम लोगों को मुक्त कराने के लिए कुंभकर्णी नींद सो रही केंद्र सरकार को जगाने का प्रयास किया.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि वैश्विक महामारी कोराना वायरस संक्रमण के संकट की वहह से आमलोगों के रहन-सहन और बोलचाल बदल गया है.
पूरे देश में बिना किसी तैयारी और कोई योजना बनाये बगैर लॉकडाउन लागू कर दिया. इस कारण छात्र, छात्रा, गरीब, मजदूर एवं अन्य प्रवासी श्रमिकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
लोग भूखे पैदल हजारों किलोमीटर सड़कों पर चलने के लिए मजबूर हुए, कई लोगों की जान चली गयी. इस दौरान झारखंड सरकार ने अपने प्रयास से राज्य की सीमा में हाईवे पर चल रहे सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने और उन्हें वाहन उपलब्ध करा कर गंतव्य की ओर रवाना किया गया.
इसके अलावा देशभर के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी कामगारों को खर्च के लिए कुछ राशि भी उपलब्ध करायी गयी और उनकी घर वापसी के लिए व्यापक इंतजाम किये गये और घर लौटने के बाद मनरेगा समेत अन्य योजनाओं के माध्यम से उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया गया.
लेकिन झारखंड में लॉकडाउन के दौरान राजस्व संग्रहण काफी कम हो गया है, केंद्र सरकार तुरंत बकाया का भुगतान करें. इसके अलावा प्रधानमंत्री सभी प्रवासी श्रमिकों और बेरोजगार हो चुके युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद करें.
साथ ही इनकम टैक्स के दायरे में रहने वाले सभी परिवारों को लॉकडाउन संकट से निपटने के लिए तत्काल दस-दस हजार रुपये की सहायता उपलब्ध कराये और मनरेगा के तहत 100 दिन की जगह दो सौ दिन काम देने का प्रावधान किया जाए.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद कहते है कि यह चाय बनाने वाले की सरकार है, इसलिए सरकार उनकी मुश्किलों को दूर करें, सभी ठेला वाले, खोमचे वाले , प्रतिदिन कमाने-खाने वाले परिवारों की चिंता करें, इन्हें कर्ज की जरूरत नहीं है, बल्कि आर्थिक सहायता की जरुरत है.
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये पैकेज देने की घोषणा की, लेकिन इसके बावजूद लाखों-करोड़ लोग पैदल सड़कों पर अपने घर जाने के लिए निकल पड़े है.
झारखंड सरकार ने जब प्रवासी श्रमिकों की वापसी स्पेशल ट्रेन और हवाई जहाज के माध्यम से कराने की बात की, तो पहले लोगों ने इसका मजाक उड़ाया, लेकिन आज इसे अमलीजामा पहनाने का काम भी राज्य सरकार ने किया है.