रांची: राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार, रांची में राज्य स्तरीय ‘‘चुप्पी तोड़ो-स्वस्थ रहो’’ अभियान के दूसरे चरण की शुरूआत की. मौके पर मंत्री ने कहा कि आज के परिवेश में स्वच्छता और हाइजीन को बनाये रखना बहुत ही आवश्यक है. राज्य सरकार तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने माहवारी स्वच्छता प्रबंधन की जागरुकता का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे हम ठोस रणनीति के तहत पूरा करने की तरफ मजबूती से बढ़ रहे हैं. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि लगभग आधी आबादी माहवारी का अनुभव करती है. एक उम्र के बाद बच्चियों और महिलाओं में मासिक धर्म की प्रक्रिया सामान्य बात है, इसे लेकर युवतियों, महिलाओं और आमजनों को जागरूक करने की जरूरत है, ताकि लोग इसे छुआछूत या कोई अन्य गंभीर बीमारी न समझे. उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में भी ग्रामीण और कई शहरी इलाकों में यह देखा गया है कि बच्चियों और महिलाओं का मासिक धर्म के दौरान उन्हें कई तरह की सामाजिक दूरियां या बहिष्कार का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि लोगों को सैनिटरी नैपकिन के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देने की जरूरत है ताकि युवतियों और महिलाओं को कई समस्याओं से छुटकारा मिल सके.
मंत्री ने कहा कि ‘‘चुप्पी तोड़ो-स्वस्थ रहो’’ अभियान को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने राज्य स्तर पर डिजिटल माध्यम से शुरूआत किया है. यह अभियान 28 मई से शुरू होकर 27 जून, 2020 तक चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों के द्वारा हम राज्य के सभी किशोरी, किशोर, महिला एवं पुरुषों तक अपनी पहुँच सुनिश्चित करेंगे तथा उन्हें जागरूक करने का प्रयास करेंगे.
मंत्री ने कहा कि एक जन आंदोलन का रूप देकर विद्यालयों में पेयजल, शौचालय, हाइजीन के साथ-साथ माहवारी सुरक्षा प्रबंधन पर भी सबको अपनी-अपनी भूमिका निभानी होगी. उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत ग्राम स्तर पर स्कूल जाने वाली सभी किशोरियों में पैड वितरण करवाना सुनिश्चित किया गया है, साथ ही सैनिटरी नैपकिन का समुचित डिस्पोजल भी आवश्यक है. सुरक्षित डिस्पोजल हेतु ऑनलाइन माध्यम के द्वारा उन्मुखीकरण में भी सम्मलित होने का अवसर दिया जायेगा जिससे किशोरियों एवं महिलाओं को लाभ मिलेगा.
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छता और हाइजीन को लेकर काफी सराहनीय कदम उठा रही है, जैसे विद्यालयों में माहवारी के उचित प्रबंधन हेतु भस्मीकरण यन्त्र (Incinerator), साबुन और पैड बैंक, हाथ धुलाई इकाई इत्यादि से एक सकारात्मक परिवेश बन रहा है. जहाँ सभी विभाग के सहभागिता और विकास के मूलमंत्र को चरितार्थ किया जा रहा है. इस सतत् प्रयास से हम ज्यादा से ज्यादा विद्यालयों में व्यवस्था सुनिश्चित कर सभी छात्राओं में व्यवहार परिवर्तन लाने में सफल होंगे. इस व्यवस्था को सभी तक पहुंचाने के प्रति पेयजल एवं स्वच्छता विभाग प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि यूनिसेफ के माध्यम से आज दूसरे चरण के अभियान की शुरुआत की गई है, इसके तहत स्कूली बच्चियों और महिलाओं को निःशुल्क सैनिटरी पैड मिलेगा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण के दौर से अभी पूरा समाज गुजर रहा है. ऐसे में डिजिटल और सोशल मीडिया तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से लोगों में जागरुकता लाने की कोशिश की जा सकती है. इस कोविड-19 महामारी में डिजिटल प्लेटफार्म से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग इस अभियान का नेतृत्व कर सभी को लाभान्वित करेगा और आने वाले वर्षो में सभी शैक्षणिक संस्थान माहवारी (MHM Friendly) अनुकूल होंगे और किशोरियां सुरक्षित रूप से अपनी माहवारी पर खुल कर चर्चा करेंगी.
इस मौके पर पेयजल विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन अबु इमरान, यूनिसेफ झारखंड के हेड प्रसांता दास, माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी, यूनिसेफ के स्पेशलिस्ट कुमार प्रेमचंद, लक्ष्मी और संयुक्त निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण सुरेंद्र कुमार, उपनिदेशक अनिल कुमार, अभियंता प्रमुख श्वेताभ कुमार और विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे.