रांची: कोरोना वायरस को लेकर उत्पन्न हुई परिस्थिति से निबटने को लेकर बीआइटी मेसरा के होटल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की ओर से दो दिवसीय वेबिनार गुरुवार को शुरू हो गया. इसका विषय “महामारी कोविड-19 का प्रभाव, शिफ्टिंग चुनौतियां और अवसर” है. इस मौके पर ताज ग्रुप ऑफ होटल्स में डीन की कार्यकारी शिक्षा के पहले पैनलिस्ट अरुलमणि ने छात्रों को भविष्य के रोजगार परिदृश्य, उनकी डिग्री में निवेश पर वापसी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बातें रखीं. साथ ही उन्होंंने प्राथमिकता वाली शिफ्ट की महामारी पर भी जोर दिया. उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार के महत्व पर सबका ध्यान केंद्रित किया और छात्रों को समाज की बेहतरी के लिए अपने भौतिक और वित्तीय संसाधनों को नियोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने आश्वस्त किया कि उद्योग पटरी पर वापसी करेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है और कष्टों से भरी हो सकती है, लेकिन हमारे युवा पेशेवरों के प्रयासों से भविष्य में सामान्य स्थिति बहाल हो सकती है.
जुबिलेंट फूड वर्क्स लिमिटेड, दिल्ली के महाप्रबंधक मनीष शर्मा ने फास्ट फूड चेन उद्योग पर अपना विचार व्यक्त किया, जो हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. उन्होंने फास्ट फूड उद्योग की मार्केटिंग नीतियों में बदलाव के बारे में भी बात की.
इसके अलावा, एरको ट्रैवल्स के प्रबंध निदेशक रवि गोसाईं और हॉलिडे मर्चेंट्स के प्रबंध निदेशक विकास खंडूरी ने भी अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा नकदी प्रवाह नाकारात्मक आंकड़ों में जाने से पर्यटन उद्योग पहले की तरह प्रभावित हुआ है. गोसाईं ने एक पाठ्यक्रम COVID दुनिया में काम के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए नए पाठ्यक्रमों के साथ आने की बात की. खंडूरी ने छात्रों को धैर्य और सक्रिय रहने की सलाह दी.
इस दो दिवसीय वेबिनार की शुरुआत बीआइटी मेसरा के कुलपति डॉ एस कोनार ने आतिथ्य उद्योग पर उनका प्रभाव और कितना प्रभावशाली है इसपर अपनी बातें रखीं. उन्होंने अपने छात्रों को सलाह दी कि वे पूरी तरह से उम्मीद न खोएं और उन्हें अपनी प्लेसमेंट गतिविधियों के साथ संस्थान का पूरा समर्थन करें.
सवाल-जवाब का सत्र भी हुआ
पहले दिन का सत्र प्रश्नोत्तर सत्र के साथ समाप्त हुआ. इसमें छात्रों ने अतिथियों के सामने अपनी आशाओं और आशंकाओं को रखा. इसपर अतिथियों ने उन्हें अपने भविष्य के अवसरों और वर्तमान स्थिति से निबटने की सलाह दी. सत्र में 80 प्रतिभागी शामिल हुए और सत्र का संचालन विभाग प्रमुख डॉ निशिकांत कुमार ने किया.