नई दिल्ली: टैक्स कलेक्शन (GST Collection) पर भारी दबाव के बीच जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक आगामी 14 जून को हो सकती है. कोविड-19 महामारी के आउटब्रेक के बाद जीएसटी काउंसिल की यह पहली बैठक होगी.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री अध्यक्षता करेंगी. साथ ही अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. 25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लागने के बाद से ही टैक्स कलेक्शन में भारी कमी आई है.
सूत्रों ने जानकारी दी है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक 14 जून को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी. इसके पहले जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक मार्च में भी कोरोना वायरस को लेकर अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चर्चा हुई थी. उस दौरान भारत में कोरोना वायरस के मामले बेहद कम थे और लॉकडाउन का भी फैसला नहीं लिया गया था.
इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि टैक्स कलेक्शन पर दबाव होने के बाद भी वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) गैर-जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. सूत्रों का कहना है कि गैर-जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाने से डिमांड में कमी आएगी और इससे अर्थव्यवस्था के रिकवरी पर भी असर पड़ेगा.
लॉकडाउन के बाद सरकार मुख्यत: इस बात पर फोकस करेगी कि सभी स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जाए, न कि केवल जरूरी वस्तुओं में ही रियायत दी जाये. हालांकि, इन सभी बातों पर जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक में ही फैसला लिया जाएगा.
आपदा सेस लगाने को लेकर सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 की वजह पैदा हुए मौजूदा स्थिति में ऐसा कोई भी फैसला लेना घातक साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव सेल्स आंकड़ों के लिए ‘कांउटर प्रोडक्टिव’ होगा. पहले से ही मांग और खपत कम होने की वजह से इसमें भारी गिरावट आ चुकी है. किसी भी तरह के सेस लगाने से वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएंगी और इससे सेल्स पर असर पड़ेगा.