मुंगेर : लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी मजदूर मुंगेर लौटे है. जो रोजगार के लिए दर-दर भटकने को विवश है. वही इन मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए एनसीपी के श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय केशरी ने गांधीगिरी करते हुए मुंगेर के बंद पड़े पत्थर उधोग को चालू करवाने के लिए 21 जून से चलो पहाड़ तोड़े अभियान का आह्वान किया है. एन सी पी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय केशरी ने बताया कि गलत तरीके वन्यप्राणी क्षेत्र घोषित के मुंगेर-जमालपुर के वैसे पहाड़ों पर पत्थर उत्खनन पर रोक लगा दिया गया, जिसमे वन्य जीव तो दूर की बात, पेड़-पौधे भी नही है. जिसका दुष्परिणाम हुआ कि मुंगेर जिले के पत्थर उधोग से जुड़े पचास हजार मजदूर बेरोजगार हो गए और रोजगार की तलाश में अन्य राज्यो की ओर पलायन कर गए. अब जबकि कोरोना त्रासदी में हजारों मजदूर जब वापस आ रहे है तो इसके समक्ष रोजी रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे में मुंगेर-जमालपुर के पहाड़ों में पत्थर उत्खनन पर लगे रोक को हटाने एवं गलत तरीके से वन्यप्राणी क्षेत्र को हटाने का वक्त आ गया है. वैसे भी मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर वन क्षेत्र को छोड़कर कहीं भी वन्य प्राणी नही है. अगर बिहार सरकार स्वेच्छा पूर्वक वन्यप्राणी क्षेत्र को हटाती है तो स्वागत योग्य है अन्यथा मुंगेर-जमालपुर को विकास की पटरी पर लाने, पचासों हजार मजदूरों के घरों में चूल्हा जलाने के लिए 21 जून से सविज्ञा आंदोलन के तहत के चलो पहाड़ तोड़े अभियान का शुरुआत किया जाएगा.