निरंजन सिन्हा
छतरपुर,पलामू : डर और अंधविश्वास का बड़ा गहरा संबंध रहा है. शुरुआत से ही , जब जब लोग किसी प्रकार के डर से निकलने में असमर्थ हो जाते है तब अंधविश्वास का सहारा लेते हैं और भक्ति भाव के अपने मायने लगा नए नए टोटके आजमाने लगते है. कोरोना वायरस से बचाव को लेकर, लॉक डाउन के प्रारम्भ से ही ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहरी इलाकों से भी इस महामारी से निजात पाने के लिए किए जा रहे टोटकों की कहानियां मिलती रही है. अब जब धीरे धीरे लॉक डाउन का अंत हो रहा है तो फिर एक नए अफवाह से बाजार गर्म है. छपरा जिले से गाय से औरत बनी कोरीना माता की एक कहानी झारखंड के कई जिलों से होते हुए ये अफवाह अब छतरपुर अनुमंडल क्षेत्र में जड़ जमाने लगीं है. लोग कोरोना को बीमारी मानने की जगह दैवीय प्रकोप मानने लगे है.
अफवाह के अनुसार, कोरोना माता ने लोगों को बताया कि, मुझसे डरो मत मेरी पूजा करो, शुक्रवार को मैं चली जाऊंगी.
इस अफवाह से प्रभावित हो छतरपुर अनुमंडल के पिपरा प्रखंड सहित नवडीहा पंचायत में भी दर्जनों महिलाओं ने नदी किनारे पूजा अर्चना की और फिर जमीन में नौ लड्डू, नौ लौंग, अड़हुल फूल सहित अन्य पूजन सामग्री को एक फुट गहरे गड्ढे में डाल दिया.
एक तरफ, जहां सरकार इस महामारी से बचने के लिए सामाजिक दूरी को बढ़ावा दे रही है वहीं, इस तरह की अफवाह से एक स्थान पर लोगो की भीड़ जमा हो रही है. वीडियो में किसी ने भी मास्क का उपयोग नहीं किया है. फिलहाल इस अफवाह को जल्द रोकने की आवश्यकता है.