नई दिल्ली: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) यानि एलएसी पर भारत और चीन के बीच फिलहाल तनाव खत्म होता नहीं दिख रहा है. दोनों देशों की सैनाएं एक-दूसरे के सामने डटी है. हालांकि राजनयिक और सैन्य स्तर पर विवाद को सुलझाने की कोशिशें जारी है. इन सबके बीच चीन को एकबार फिर मिर्ची लगी है.
भारत पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दो अहम रोड बनाने की तैयारियां में है. भारत एलएसी पर फॉरवर्ड एरिया में कनेक्टिविटी बढ़ाने की हर मुमकिन कोशिश में जुटा है. जानकारी के मुताबिक इसी कड़ी में भारत दो प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है.
- पहली सड़क देश के उत्तरी चौकी दौलत बेग ओल्डी को जोड़ेगी. इसे दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (DS-DBO) का नाम दिया गया है.
- दूसरी सड़क ससोमा से सेसर-ला तक बनाई जा रही है. ये DBO के पास एक वैकल्पिक रास्ता दे सकती है. ससोमा-ससेर ला रोड DBO के दक्षिण-पश्चिम में है.
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) इन दोनों प्रोजेक्ट को तरफ कर रहा है. ससोमा से ससेर ला तक लगभग 17,800 फीट की ऊंचाई पर सड़क बनाई जाएगी. जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में इस सड़क का बरांग सा, मुर्गो और फिर DBO तक विस्तार किया जा सकता है. फिलहाल इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि इसके लिए 11 हजार से ज्यादा मजदूरों को चीन की सीमा के पास लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड ले जाया जा रहा है.
दोनों सड़कों के इस प्रोजेक्ट को दिसंबर 2022 तक तैयार कर लिया जाएगा. जिससे इन इलाकों में सैनिक तैनात आसानी हो जाएगी. बताया जा रहा है कि भारत के इन्हीं रोड प्रोजेक्ट की चलते चीन की बौखलाहट अपने चरम पर पहुंच गई है.
गौरतलब है कि लद्दाख के पास मई की शुरुआत से ही चीन और भारत के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. पहले यहां भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प-हाथापाई हुई. उसके बीच चीन ने यहां करीब 5 हजार सैनिक इकट्ठा कर लिए. इसके साथ ही चीन ने एयरबेस पर भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है.
एलएसी पर चीनी सेनाओं की बढ़ती गतिविधियों के जवाब में भारत को भी सैनिकों की संख्या बढ़ानी पड़ी. इसके साथ ही कुछ लड़ाकू विमान भी तैनात करना पड़ा. साथ ही चीन के ऐतराज के बावजूद भारत की ओर से सड़क का निर्माण कार्य जारी है. साथ ही चीन की हर चाल पर भारतीय सेना और एजेंसियों की पैनी नजर है.