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BNN DESk: हाल ही में 02 जून 2020 को भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (Housing and Urban Affairs Ministry) द्वारा PM SVA Nidhi (Pradhan Mantri Street Vender’s Atmanirbhar Nidhi) योजना की शुरुआत की गयी.
यह योजना मूल रूप से स्ट्रीट वेंडर्स के लिए उनकी आजीविका को ध्यान में रखते हुए लायी गयी है . यह एक स्पेशल माइक्रो क्रेडिट फैसिलिटी स्कीम है, जो स्ट्रीट वेंडरो को आसानी से सस्ते एवं कम ब्याज दरों पर ऋण की सुविधा उपलब्ध करायेगी ताकि वे दुबारा से अपनी आजीविका के लिए एक नवीन शुरुआत कर सकें.
इस योजना के अंतर्गत स्ट्रीट वेंडरों को कोरोना महामारी के समय हुए लॉकडाउन में बन्द अपने काम को दुबारा प्रारंभ कर सकने के लिए एकमुश्त 10,000 तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. यह ऋण मासिक किश्तों की आदाएगी पर एक वर्ष तक की समय अवधि के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. इसकी ब्याज दरें अन्य ऋणों के मुकाबले में बहुत कम होंगी.
इस ऋण को लेने के लिए किसी भी प्रकार की जमानत या गारंटी नहीं देनी पड़ेगी. इस पूरे ऋण की गारंटी भारत सरकार लेगी.
इस योजना से लेनदार को कई लाभ होगे जैसे यदि इस योजना के अंतर्गत लिए ऋण को कोई व्यक्ति समय से या समय से पहले अदा कर देता है तो उसे ब्याज में सात प्रतिशत वार्षिक तक की छूट मिलेगी जो सीधे लाभार्थी के खाते में 6 माह के बाद डाल दी जायेगी तथा साथ ही वह अपने द्वारा लिए गये ऋण की दुगनी राशि को दुबारा ऋण स्वरुप इस योजना के अंतर्गत लेने के योग्य माना जाएगा और वह उस राशि को चाहे तो पहली ऋण अदायगी के तुरंत बाद भी ले सकता है.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना अंतर्गत लिए गये ऋण पूर्व अदायगी शुल्क से पूर्णतया मुक्त होगे और इसके लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा जैसा कि अन्य ऋण चाहे वह गृह ऋण हो या कार ऋण के लिए देय होता है .
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के अंतर्गत लगभग 50 लाख वेंडरों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो कि 24 मार्च 2020 तक या उससे पहले स्ट्रीट वेंडर के रूप में काम कर रहे थे . इसमें सब्जी विक्रेता, फल विक्रेता, फ़ूड स्टॉल वाले, फेरीवाले, रेहड़ी व ठेलेवाले, मोची, धोबी, पनवाड़ी तथा हाथ से निर्मित सामान बेचने वाले आदि सभी वर्ग शामिल होंगे जो इस योजना का लाभ ले सकेंगे.
इस योजना के कार्यान्वयन हेतु SIDBI (Small Industries Development Bank of India) भारत सरकार के साथ तकनीकि सहकर्मी की भूमिका अदा करेगी . SIDBI (Small Industries Development Bank of India) ऋण प्रदान करने वाली संस्थाओं के लिए अपनें Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprise के माध्यम से क्रेडिट गारंटी की व्यवस्था करेगी . इस योजना के अंतर्गत ऋण प्रदान करने के लिए लगभग सभी वित्तीय संस्थानों जैसे Scheduled Commercial Banks, Regional Rural Banks, Small Finance Banks, Cooperative Banks, NBFC’s, Micro Finance Institutions, Self Help Group Banks आदि को शामिल किया गया है ताकि लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके.
कोरोना महामारी के दौरान लगभग सभी स्ट्रीट वेंडर्स का काम बाद हो गया था . सरकार की मान्यता के अनुसार उनकी संचित निधि भी समाप्त हो गयी थी. सामन्यत: ये स्ट्रीट वेंडर्स अपनी आजीविका चलाने के लिए अपना काम दुबारा शुरू करने हेतु साहुकारों या अन्य अनौपचारिक स्त्रोतों के माध्यम से ऋण लेते है जो बहुत अधिक ब्याज दरों पर मिलता है .
इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर व्यापक प्रभाव पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उनकी आत्मनिर्भरता के लिए यह योजना लागू की है, ताकि उनको दुबारा से अर्थव्यवस्था का हिस्सा जल्द से जल्द बना कर अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की जा सके. इस योजना के माध्यम से स्ट्रीट वेंडरों को अपना काम दुबारा शुरू कर सकने में बड़ी मदत मिल सकेगी और सरकार के अनुसार लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स भारत के वित्तीय औपचारिक क्षेत्र का हिस्सा बनेंगे.
इसके माध्यम से बेरोजगारी एवं गरीबी के उन्मूलन की दिशा में भी भारत सरकार को मदत मिलने की उम्मीद है. इन स्ट्रीट वेंडर्स पर ही काफी हद तक देश की दैनिक आवश्कताओं में प्रयोग होने वाली चीजों की आपूर्ति निर्भर है, और जन सामान्य को उचित मूल्यों पर ये सुविधा उपलब्ध करवाने में इनका बड़ा योगदान है, जिससे जरुरी सामानों की मूल्य वृद्धि भी नियंत्रित रहती है तथा महगाई पर भी लगाम लगती है. स्ट्रीट वेंडर्स किसी राज्य या देश के लिए सूक्ष्म उद्यमी(Micro Entrepreneur) की भूमिका अदा करते है.
ये किसी देश या राज्य की आपूर्ति कड़ी में लास्ट लाइन ऑफ़ डिफेन्स के तौर पर काम करते हैं. महामारी में लॉकडाउन के समय जरुरी सामनों की आपूर्ति में इन्ही स्ट्रीट वेंडरों ने बड़ी भूमिका निभा कर इसका प्रमाण दिया था. अतएव सरकार की ये जिम्मेदारी बनती थी कि सरकार इनको स्थाई संरक्षण प्रदान कर इनके अधिकारों की रक्षा करे और इनको प्रोत्साहित कर दुबारा से आत्मनिर्भर बनाने में इनकी मदत करे. यह योजना सरकार के द्वारा इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है .
हालांकि सरकार ने 2014 में इन स्ट्रीट वेंडरों को अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए एक बडा कदम उठाते हुए इनके वैधिकरण के लिए रजिस्ट्रेशन हेतु Protection Of Livelihood and Regulation of Street Vending Act पास किया था . जिसके माध्यम से इनका रजिस्ट्रेशन किया गया था, ताकि इनको उचित संरक्षण प्रदान किया जा सके.
यह योजना सरकार का इसी दिशा में वर्तमान परिस्थिति को भांपते हुए, अर्थव्यवस्था के पहिये को सुचारू रूप से गति प्रदान करने हेतु एक अच्छा एवं महत्त्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूती एवं बेरोजगारी के उन्मूल्लन का आधार साबित हो सकती है.