छत्तीसगढ़(दंतेवाड़ा): देश में कोरोना वायरस का संकट तो जारी है ही साथ में गर्मी ने भी हाहाकार मचा रखा है और ऐसे में दंतेवाड़ा के पखनाचुआ के गांववालों के सामने पानी की कमी का संकट खड़ा है. इसी कारण वे भूमिगत जल स्रोत से दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं. हाल ही में पखनाचुआ को नई ग्राम पंचायत बनाया गया है. यह दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
नई पंचायत बनने के बावजूद गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें पीने के साफ पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है. यहां के ग्रामीण दो भूमिगत जल स्रोतों पर निर्भर हैं. एक ग्रामीण ने कहा, ‘हमारे पास यहां भूमिगत जल के दो स्रोत हैं. हम यहां पानी लेने के लिए सुबह और शाम आते हैं. हम कई सालों से इस पानी को पी रहे हैं. कोई भी हमारे यहां जांच करने नहीं आया है.’
ग्रामीणों का कहना है कि वे शुरू से ही भूमिगत जल स्रोत पर निर्भर हैं, इसलिए इस गांव का नाम पखनाचुआ रखा गया. इस गांव में लगभग 800 लोग रहते हैं. यहां के ग्रामीणों ने बताया कि नई पंचायत के गठन के बाद उनकी मांग पीने के पानी के मुद्दे को हल करने की है.
एक अन्य ग्रामीण जोगा राम ने कहा, ‘हमारे यहां पीने के पानी की कोई और सुविधा नहीं है. हम केवल भूमिगत जल पीते रहे हैं. यहां तक कि जानवर भी इन जल स्रोतों से पानी पीते हैं. 50-60 से अधिक परिवार इस पानी का सेवन करते हैं. लोग यहां वोट लेने के लिए आते हैं और गांव की स्थिति जानने के लिए वे कभी नहीं आते.’ अन्य ग्रामीण ने कहा, ‘हम सालों से यह पानी पी रहे हैं. हमें प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है.’
जब इस मामले के बारे में जिलाधिकारी सूचित किया गया तो उन्होंने तुरंत पीएचई अधिकारियों को बुलाया और उन्हें इसपर जानकारी देने के लिए कहा. उन्होंने मामले का संज्ञान लेने के लिए गांव के सरपंच को भी बुलाया. उन्होंने कहा, ‘हम जल्द ही ग्रामीणों की परेशानी का हल कर लेंगे. हमें क्षेत्र में ड्रिलिंग मशीन ले जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन बोरवेल के लिए गांव में ड्रिलिंग का काम चल रहा है.’