मुंगेर: जिले के हवेली खड़कपुर के संतलालपुर निवासी दिव्यांग नंदलाल के पास हाथ नहीं है. लेकिन, उनका मानना है कि किस्मत चमकाने के लिए हाथ नहीं बल्कि बुलंद हौसले होने जरूरी हैं, जो उनमें भरपूर हैं.
नंदलाल बचपन से होनहार और तेज-तर्रार छात्र हैं. पढ़ाई-लिखाई में उनकी बेहद रूचि है. लेकिन, आर्थिक तंगी के कारण उनके परिवार वाले उन्हें आगे पढ़ाने में असमर्थ हैं. नंदलाल पढ़-लिखकर कोई बडा ऑफिसर बनना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने सरकार से मदद भी मांगी है.
पैरों से पढ़ाई करता नंदलाल-
जी हां हवेली खड़कपुर के संतलालपुर निवासी अजय साह और बेबी देवी के दिव्यांग पुत्र नंदलाल ने महज 3 साल की उम्र में एक हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे.
परिजनों ने बताया कि हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने के कारण नंदलाल के दोनों हाथ डॉक्टरों ने काट दिए. दोनों हाथ गंवाने के बाद भी कभी नंदलाल का हौसला कम नहीं हुआ..हमेशा फर्स्ट आए नंदलाल
मैट्रिक, इंटर और बीए फर्स्ट ईयर में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने के बाद अब नंदलाल को आगे की पढ़ाई करना में दिक्कतें आ रही हैं. वे बडा ऑफिसर बनना चाहते है. लेकिन मौजूदा पारिवारिक हालातों में यह मुश्किल लग रहा है. पिता की आर्थिक स्थिति खराब है.
नंदलाल के पिता अजय साह सड़क किनारे गुमटी में किराना का दुकान चलाते हैं. सात सदस्यों वाले परिवार के भरन-पोषण का यह दुकानदारीही एकमात्र साधन है. ऐसे में पिता को बेटे के सपनों के पूरे होने की चिंता सता रही है.