नई दिल्ली: दुनिया निवेश के लिए चीन की जगह अन्य विकल्प की तलाश कर रही है और भारत निवेशकों के लिए एक व्यावहारिक विकल्प है.
केंद्रीय परिवहन मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने ‘एमएसएमई एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर-पेविंग द ग्रोथ पाथ इन पोस्ट-कोविड वर्ल्ड’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस बात का जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि अमेरिका में वैक्सीन को लेकर ढ़ेर सारे प्रयोग सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं. अपने देश में भी बहुत सारे संस्थान और वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं. हम वैक्सीन के तैयार होने का इंतजार कर रहे हैं. इस समय न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया आर्थिक युद्ध का सामना कर रही है.
दुनिया निवेश के लिए चीन की जगह अन्य विकल्प की तलाश कर रही है और भारत निवेशकों के लिए एक व्यावहारिक विकल्प है. केंद्रीय परिवहन मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने ‘एमएसएमई एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर-पेविंग द ग्रोथ पाथ इन पोस्ट-कोविड वर्ल्ड’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस बात का जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि अमेरिका में वैक्सीन को लेकर ढेर सारे प्रयोग सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं. अपने देश में भी बहुत सारे संस्थान और वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं. हम वैक्सीन के तैयार होने का इंतजार कर रहे हैं. इस समय न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया आर्थिक युद्ध का सामना कर रही है.
मुझे लगता है कि जिस तरह से पूरी दुनिया में अब चीन को लेकर बहुत अधिक प्रतिक्रिया है, उससे ऐसा लग रहा है कि पूरी दुनिया अब उसकी जगह कुछ नए विकल्प का पता लगाने के लिए इच्छुक है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत निश्चित रूप से दुनिया के सभी निवेशकों के लिए एक बहुत अच्छा, व्यवहार्य विकल्प होने जा रहा है.
कई अर्थशास्त्री ऐसा अनुमान जता चुके हैं कि चीन से दुनिया का पसंदीदा मैन्युफैक्चरिंग हब होने का तमगा छिन सकता है. इस महामारी के कारण पैदा हुई दिक्कतों के बीच लगभग 1000 विदेशी कंपनियां सरकार के अधिकारियों से भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाने को लेकर बातचीत कर रही हैं.
वहीं जानेमाने अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया भी कह चुके हैं कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संभव है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से अपने परिचालन को दूसरी जगह ले जाएंगी, जिसका भारत को उठाना चाहिए और औपचारिक क्षेत्र में अच्छे वेतन वाली नौकरियां तैयार करने के लिए दीर्घकालिक सोच के साथ काम करना चाहिए.