★★ कंकण सूर्य ग्रहण
21-6-2020, रविवार
★★ ग्रहण प्रारंभ
प्रातः 9:15 बजे
★★ ग्रहण समाप्त
दोपहर 3:04 बजे
★★ ग्रहण सूतक :-
ग्रहण का सूतक ग्रहण प्रारंभ होने से 12 घंटे पहले लग जाता है. अतः 20 जून 2020 को रात्रि 9:00 बजे से सूतक लग जाएगा. सूतक लगने से पहले घर में रखी वस्तु में जैसे दूध दही मक्खन घी तेल आचार आदि में तिल कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए जिससे वह दूषित नहीं होती. सूखे खाद्य में डालने की आवश्यकता नहीं.
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★★ ग्रहण काल में क्या करें क्या ना करें :-
जब ग्रहण प्रारंभ हो रहा हो उससे पहले स्नान करें व अधिक से अधिक प्रभु नाम सिमरन करें यह सूर्य ग्रहण है इसमें आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य स्तोत्र या
ॐ सूर्य नारायणाय नमः
मंत्र का जप करना उचित है व ग्रहण समाप्त होने पर गंगाजल या किसी भी तीर्थ का जल मिला कर खुद भी स्नान करें व मंदिर की सभी स्वरूप को स्नान करवाये व मंदिर साफ कर के फिर ठाकुर जी की सेवा-भोग लगाये. ग्रहण काल में मंदिर के पट( दरवाजा ) बंद कर देना चाहिए व ठाकुर जी की मूर्ति को स्पर्श करना अनावश्यक खाना पीना निद्रा तेल लगाना नाखून काटना बाल काटना आदि कार्य नहीं करना चाहिए. बच्चों, गर्भवती स्त्रियों या वृद्ध, रोगी को खाने पीने में कोई दोष नहीं है.
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★★ गर्भवती स्त्रियां क्या करें क्या ना करें :-
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल शुरू होने से पहले नाभि पर गौमूत्र व गोबर का हल्का सा लेप लगा ले या पवित्री पहन लें या कुछ भी न मिलने की अवस्था में 1 नारियल ग्रहण काल में अपने पास रख लें व ग्रहण समाप्त होने पर उसको अपने ऊपर से 7 बार वार के चलते हुए पानी में बहा दें. ठाकुर जी का नाम जप करते रहें ग्रहण काल में काटना, एक ही अवस्था में ज्यादा देर शयन करना ,सेकना, सिलना अत्याधिक तीखा कसैला भोजन खाना, फ़टकना आदि कार्य नहीं करने चाहिए.
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★★ राशि व उन पर ग्रहण का प्रभाव :-
◆ मेष- धन लाभ
◆ वृष- धन हानि
◆ मिथुन- दुर्घटना, चोट भय, चिंता
◆ कर्क- धन हानि
◆ सिंह- लाभ, उन्नति
◆ कन्या- रोग कष्ट
◆ तुला- चिंता,संतान कष्ट
◆ वृश्चिक- शत्रु भय, साधारण लाभ
◆ धनु- वैवाहिक कष्ट, रोग भय
◆ मकर- रोग, चिंता
◆ कुंभ- खर्च अधिक, कार्य विलंब
◆ मीन- कार्य सिद्धि
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★★ सूर्य स्तोत्र
भगवान सूर्य देव के 21 महान नाम :-
●विकर्तन ●विवस्वान
●मार्तंड ●भास्कर
●रवि ●लोकप्रकाशक
●श्रीमान ●लोक चक्षु
●गृहेश्वर ●लोक साक्षी
●त्रिलोकेश ●कर्ता
●हर्ता ●तमिस्त्रहा
●तपन ●तापन
●शुचि यानी पवित्रतम ●ब्रह्मा
●सप्ताश्ववाहन ●गभस्तिहस्त
●सर्वदेवनमस्कृत