अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान बड़ा दावा किया है. उन्होंने दावा किया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे (ट्रंप) कश्मीर मामले में मध्यस्थता करने के लिए कहा. ट्रंप के इस दावे का भारतीय विदेश मंत्रालय ने खंडन किया है. वहीं, पूर्व राजनयिकों को लगता है कि ट्रंप का ये बयान भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर सकता है. भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने बयान से बहुत नुकसान किया.
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे का हल द्विपक्षीय बातचीत से ही होगा. वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने अमेरिकी राष्ट्रपति के उस बयान को देखा जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान रिक्वेस्ट करते हैं तो वे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है.’
भारत का हमेशा यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय चर्चा की हो. रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी. भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार (22 जुलाई) को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. इस बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने के लिए पहल करने की बात कही है. उसके बाद ट्रंप ने दावा किया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे कहा था कि वह कश्मीर में विवाद के निपटारे में मदद करें और उन्हें मध्यस्थता करने में खुशी होगी.