नई दिल्ली: जब सूर्य ग्रहण होता है तो हमेशा यह सुझाव दिया जाता है कि इस अवधि के दौरान आपको भोजन नहीं चाहिए. अब मन में यह सवाल भी उठना लाजिमी है कि आखिर क्यों इस दौरान भोजन करने के लिए मना किया जाता है? इसका कारण जानते है.
शास्त्रों में है उल्लेख
सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दौरान व्यक्ति को भोजन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे कई बीमारियां होती हैं. पवित्र स्कंदपुराण में उल्लेख किया गया है कि जो लोग इस अवधि के दौरान भोजन करते हैं वे बाद में खराब स्वास्थ्य से पीड़ित होते हैं.
सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करके ही भोजन करें. मान्यता है कि ऐसा करने से जो जीवाणु आपके शरीर के साथ चिपके होंगे वह पानी के साथ बह जाएंगे. स्कंदपुराण में यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से मनुष्य के सारे पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं.
ये लोग ग्रहण काल में भी कर सकते हैं भोजन
यूं तो सूर्य ग्रहण के दौरान किसी को कुछ भी खाने की मनाही है. लेकिन बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिला और रोगी इस दौरान भोजन कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि आवश्यकता हो तो सूर्य ग्रहण से एक पहर पहले यानी कि तीन घंटे पूर्व भोजन कर सकते हैं.
क्या है वैज्ञानिक दृष्टिकोण?
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तब सूर्य को ग्रहण लग जाता है. खगोलविदों और वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रहण के दौरान कुछ विकिरण वातावरण में मिलकर पृथ्वी पर पहुंचती हैं. और ये विकिरण मनुष्य की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं. इससे भोजन में बैक्टीरिया बहुत जल्दी फैलता है. इसलिए ग्रहण के दौरान भोजन करने से शरीर को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
पाचन तंत्र होता है प्रभावित
सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण न करने का दूसरा कारण अपच भी है. ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण की किरणें पके हुए भोजन को प्रभावित कर सकती हैं जिससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है. कई शोधों में वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं ने इस बात को स्वीकार किया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण करने से अपच की समस्या भी हो सकती है.
पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते रखने की परंपरा
यदि आपके पास बड़ी मात्रा में पका हुआ भोजन है और आप इसे बर्बाद नहीं करना चाहते हैं तो ग्रहण शुरू होने से पहले इसमें तुलसी के कुछ पत्ते डाल दें. तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया के विकास को रोकता है.