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पेयजल योजना के परिसर में बगीचा लगाने का दिया निर्देश
कराहल: चंबल संभाग के कमिश्नर आरके मिश्रा ने जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम सिलपुरी में ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में पीएचई विभाग के माध्यम से बनाई गई. जल प्रदाय योजना का आज अवलोकन किया.
इस अवसर पर कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत हर्ष सिहं, सहायक कलेक्टर पवार नवजीवन विजय, एसडीएम कराहल विजय यादव, कार्यपालन यंत्री पीएचई संतोष श्रीवास्तव, डीपीएम आजीविका मिशन सोहनकृष्ण मुदगल, कार्यपालन यंत्री आरईएस पीएस इटोरिया, जल संसाधन सुभाष गुप्ता, सीईओ जनपद एसएस भटनागर, उद्यानिकी पंकज शर्मा, प्रभारी तहसीलदार शिवराज मीणा, नायब तहसीलदार हरिओम पचैरी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
चंबल संभाग के कमिश्नर आरके मिश्रा ने सिलपुरी की जल प्रदाय योजना की टंकी का अवलोकन किया. साथ ही पम्प हाउस की व्यवस्था देखी. इसी प्रकार जल प्रदाय योजना के परिसर मे बगीचा लगाने के निर्देश कार्य पालन यंत्री संतोष श्रीवास्तव को दिये.
कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने इस दौरान बताया कि जल प्रदाय योजना के 1 लाख 60 हजार रूपये का प्लाट लगाया गया है. इस योजना की टंकी के चारो ओर बाउन्ड्रीवाॅल कराई गई है.
कमिश्नर ने कहा कि जल प्रदाय योजना की टंकी के नीचे आरओ जैसा पानी प्रदाय करने के लिए मशीन लगाई जाये. इस प्रकार क जल प्रदाय योजना हाॅस्टलों में भी लगाई जाये.
कलेक्टर ने हाॅस्टलों में आरओ जैसा पानी लगाने की जल प्रदाय योजना लगाने के निर्देश पीएचई विभाग के अधिकारियो को दिये. कार्यपालन यंत्री पीएचई संतोष श्रीवास्तव ने इस अवसर पर बताया कि जल प्रदाय योजना से सिलपुरी के 800 परिवारो को पानी दिया जा रहा है. जल प्रदाय योजना को दो बोरो से जोडा गया है. जिससे पर्याप्त पानी की सुविधा ग्रामीणों को प्राप्त हो रही है.
बरगवा गौशाला का किया निरीक्षण
आयुक्त चंबल संभाग आरके मिश्रा ने श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के वनाचंल क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत बरगवा में संचालित गौशाला का आज निरीक्षण किया.
उन्होंने गौशाला में गायो के लिए पीने के पानी की जानकारी ली. तब कलेक्टर आरके श्रीवास्तव ने बताया कि आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित स्वसहायता समूहो को 16 गौशालाओं का कार्य दिया गया है.
बरगवा समूह के द्वारा गौशाला का संचालन किया जा रहा है. कमिश्नर मिश्रा ने निरीक्षण के दौरान कहा कि गौशाला में 40 प्रतिशत गाय दुधारू रखने का प्रावधान है. जिसके अनुसार गिर गाय गौशाला में रखी जाकर गाय के दूध, गोबर, गौमूत्र से समूह अपनी आय में वृद्धि कर सकता है. उन्होंने कहा कि गौशाला के समीप गायों को चारा प्रदान करने के लिए शासकीय भूमि को उपयोग के लिए दिया जा सकता है.
कमिश्नर चंबल संभाग आरके मिश्रा ने गौशाला के लिए बनाये गये दोनो शैड देखे जिनमें गाय पाई गई. उन्होंने समूह की महिला से सुरक्षा के बारे में जानकारी ली, तब उसने बताया कि गार्ड रूम में चैकीदार रहता है. आयुक्त ने अभी कुछ दिनो में गायों द्वारा बच्चों की सुविधा देखी. साथ ही उनका पालन-पोषण करने के निर्देश समूह को दिये. उन्होंने गौशाला में बिजली का कनेक्शन लेकर पंखा, कूलर लगाने के निर्देश दिये.
कलेक्टर श्रीवास्तव ने संभागायुक्त द्वारा दिये गये निर्देशों पर अमल करते हुए विभागीय अधिकारियों एवं मैदानी कर्मचारियों को निर्देश दिये कि आयुक्त चंबल मिश्रा द्वारा दिये गये निर्देशों के अंतर्गत कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ की जाये. इस अवसर पर पशु पालन विभाग द्वारा गायो की नस्ल सुधार के लिए किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी.
परकोलेशन टैंक का लिया जाजया
आयुक्त चंबल संभाग आरके मिश्रा ने श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के वनाचंल स्थित गांव कर्राई के क्षेत्र में नरेगा के माध्यम से बनाये गये परकोेलेशन टैंक का जायजा लिया. साथ ही मजदूरों द्वारा किये जा रहे कार्य ही हकीकत जानी.
इस दौरान सीईओ जिला पंचायत हर्ष सिहं ने बताया कि 1.90 लाख रूपये की लागत से परकोलेशन टैंक का कार्य कराया जा रहा है. नदी पुर्नजीवन में सीरीज के अनुसार 05 टैंक बनाये जा रहे है. कमिश्नर मिश्रा ने परकोलेशन टैंक के कार्य में लगे मजूदरों को हाथ धुलाने के लिए साबुन या सेनेटाइजर की सुविधा के अलावा मास्क उपलब्ध कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये, तब सीईओ हर्ष सिंह ने बताया कि मजदूरों को मास्क प्रदान करने की कार्यवाही के साथ मास्क, सेनेटाइजर के उपयोग के अलावा हाथ धुलाने के लिए साबुन की सुविधा मुहैया करा दी गई है.
ग्राम पिपरानी के क्षेत्र में भी नरेगा के कार्य का किया अवलोकन
आयुक्त चंबल संभाग आरके मिश्रा ने श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के वनाचंल स्थित गांव पिपरानी के क्षेत्र में मनरेगा के माध्यम से 300 गड्डे खोदने के कार्य का भी अवलोकन किया.
इस दौरान सीईओ जिला पचायत हर्ष सिहं ने बताया कि 01 हैक्टयर क्षेेत्र में पानी रोकने के लिए गड्डे खुदवाये गये है.