रांची: झारखंड के साहेबगंज जिले में एक वारयल ऑडियो में मंत्री आलमगीर विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं, हालांकि उन्होंने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया है और खुद को निर्दोष बताया है.
वायरल ऑडियो में यह बात सामने आयी है कि एक टेंडर को लेकर मंत्री आलमगीर आलम द्वारा ठेकेदार शंभु भगत के मोबाइल पर कॉल किया गया, लेकिन शंभु भगत उस कॉल को रिसीव नहीं कर पाया, इसके बाद उसने कॉल बैक किया.
प्रारंभ में शंभु भगत की आलमगीर आलम से बातचीत हुई. शंभु भगत आलमगीर आलम को मामू कहकर संबोधित कर रहा है. मंत्री आलमगीर आलम ने फोन पर शंभु भगत को कहा कि बरहड़वा का कुछ लोग आया था. बरहड़वा वाले टेंडर को छोड़ दीजिए, स्थानीय लोगों को यह काम करने दें. ऑडियो में यह भी सुना जा सकता है कि मंत्री कह रहे हैं कि आप कई जगह काम कर रहे हैं. बरहड़वा टोल टैक्स टेंडर छोड़ दीजिए, लेकिन शंभु भगत कहता है कि वे राजमहल छोड़ने के लिए तैयार हैं.
इसके बाद मंत्री आलमगीर आलमगीर आलम अपने पास बैठे पंकज मिश्रा को फोन देते हैं तथा बात करने को कहते हैं. पंकज मिश्रा कहते हैं कि डिसिजन सर्वसम्मति से है. छोड़ दीजिए, लोकल करेगा. इस दौरान दोनों के बीच तीखी नोक-झोंक भी होती है.
इसपर शंभु भगत उग्र हो जाते हैं और कहते हैं कि आप नक्सलवादी जैसे बात कर रहे हैं. आपने गलत व्यवहार किया. आप ताकत का उपयोग लगा दीजिए. हम सरकार का रेवेन्यू बढ़ाने की बात कह रहे हैं. आप अपनी ताकत लगा लीजिए. आपको कोर्ट में ले जाएंगे. आपकी बात नहीं सुनेंगे. आप रोक लीजिए. हम चैलेंज करते हैं. कुछ देर तक दोनों में खूब बहस होती है. दोनों कोर्ट चलने की बात कहते हैं. इसके बाद बातचीत समाप्त हो जाती है.
वहीं विवादित ऑडियो वायरल मामले में मंत्री आलमगीर आलम ने साफ कहा कि इस प्रकरण से उनका कोई लेना -देना नहीं है. यह पूरी तरह से भाजपा की सुनियोजित साजिश है. इस ऑडियो में हमारा जो भी आवाज आ रही है उसमें हमने एक जनप्रतिनिधि के रूप में केवल अनुरोध किया है, क्योंकि उनसे हमारा पुराना मामा भगना का रिश्ता है और इसी रिश्ते के नाते हमने उनसे रिक्वेस्ट किया है. इसके अलावा हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इतना सच है कि जो भी राजनीति हो रही है उसमें भाजपा के लोगों का हाथ है.