रांची: राजनीति के क्षेत्र में आने वाले युवा कम समय में ही येन-केन-प्रकारेण थोड़े ही समय में अमीर बनने की कोशिश में जुट जाते है, लेकिन चतरा जिले के मयूरहंड प्रखंड के पूर्व जिला परिषद सदस्य बबलू सिंह ने राजनीति को पेशा नहीं बनाया, उन्होंने समाज सेवा के साथ ही घर परिवार चलाने के लिए खेती को आर्थिक सुदृढ़़ीकरण का मुख्य आधार बनाया और कुछ ही महीनों में खेती कार्य के माध्यम से दस लाख रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया.
कोरोना वैश्विक महामारी में जहां लोग एक तरफ निराशा की दौर से गुजर रहे है, वहीं दूसरी तरफ राजनेता के साथ ही कुशल कृषक की भूमिका निभा रहे बबलू सिंह ने लगभग सात एकड़ जमीन में कद्दू, नेनुआ, करेला, भिंडी, बींस आदि जैसे कई फसल की खेती कर पूरे क्षेत्र में एक मिशाल पेश की है. इतना ही नहीं मनरेगा के तहत भी बिरसा हरित ग्राम योजना से पूर्व में दो एकड़ जमीन पर आम बागवानी के लिये 200 पौधे लगा चुके है. इस वर्ष भी इनकी लगभग छः एकड़ जमीन पर 500 आम के पौधे के लिये पीठ खुदाई का कार्य जारी है. जिसमे जल्द 500 नये आम के पौधे लगाये जायेंगे.
बबलू सिंह के पिता सुधीर सिंह भी एक कुशल कृषक है. जिन्हें राज्य एवं देशव्यापी कई पुरस्कारों से बेहतर खेती के लिये नवाज जा चुका है. बबलू सिंह अपने पिता के कार्यों को अपना आदर्श मानकर समाज सेवा के साथ-साथ धरती की सेवा करते हुए कई लोगों को खेती के क्षेत्र में रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं. बबलू सिंह और उनके पिता से आज के युवाओं को प्रेरणा लेकर खेती में नए नए तकनीक का उपयोग करते हुए अपने समाज में एक बेहतर कृषक के तौर पर उभारने की कोशिश तो करनी ही चाहिए. इससे आप स्वयं तो स्वालंबी होंगे ही, साथ हीं साथ कइयों को रोजगार भी उपलब्ध करवाने में सक्षम होंगें.