रंजीत कुमार,
सीतामढ़ी: जननायक कर्पूरी विचार केंद्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद नवल किशोर राय ने शुक्रवार को सीतामढ़ी डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा से मिलकर अपना मांग पत्र सौंपा.
न्होंने मांग पत्र में लिखा है कि सीतामढ़ी के प्रमुख नदीयों तटबंध जिला प्रशासन के द्वारा निगरानी और मुआयना किया जाता है और हर साल उसका निर्माण कराया जाता है, और हर साल बांध टूट जाता है. स्थानीय कर्मियों के लापरवाही और सही तरीके से काम न कराने के कारण सरकार का करोड़ का खर्च माटी में मिल जाता है.
उन्होंने कहा कि फिर से इस साल भी जिला प्रशासन द्वारा लगातार सभी बांध का मुआयना किया जा रहा है, एवं निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा पिछले रिकॉर्ड के हिसाब से नेपाल सीमा शिवहर सीतामढ़ी रुनीसैदपुर एवं औराई तक 36 हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी हर वर्ष तटबंध टूट जाया करता है.
उन्होंने कहा कि अखबारों के संस्करण में तटबंध की कमजोरी का खबर छपा है, और बारिश शुरू हो गया है, जिससे आम नागरिक चिंतित है. उन्होंने मांग में लिखा है कि कृपया युद्ध स्तर पर उपरोक्त कमी को दुरुस्त कराने की कार्रवाई की जाए.
वहीं नेपाल से निकलने वाली अधवारा समूह की 13 नदियां अधवारा, रातों, मराहा, संगही, कांताबा, सिगयाही, बांकी, धौंस, सिखाऊ, बुधनद जमुना एवं लखनदेई नदी में नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र से अधिक बारिश से सीतामढ़ी जिला का 60% भाग बाढ़ प्रभावित होता है.
इन नदियों में बाढ़ सुरक्षात्मक एवं सिंचाई की मुकम्मल व्यवस्था की जाए. उन्होंने अधवारा समूह की जमूरा बुढनद मुख्य अधवारा नदी जिसका दोनों तरफ से तटबंध का निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत की है.
उन्होंने कहा सरकार ने इसके विरूद्ध पिछले वर्ष भी कार्रवाई की थी, यह तटबंध टूटने से लाखों से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. सरकार ने बाजपट्टी से पुपरी सीमा तक तटबंध के अवशेष भाग का निर्माण इस वर्ष शुरू कराया परंतु पुनः प्राक्कलन के विपरीत खानापूर्ति किया गया. कांप्लेक्शन नहीं दिया गया, जिसके जांच की मांग की.
इसके अलावे अधवारा समूह की दूसरी प्रमुख नदी के तटबंध का समय रहते मुकम्मल कराने एवं अधवारा समूह का तीसरा नदी रातों श्रीखंडी का 2 वर्षों से जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरा नहीं हुआ जिसे शीघ्र कराने, पूर्व के आपदा की घड़ी में राहत वितरण की सूची को नए परिवेश में जिले के सभी ग्राम पंचायतों में पुनः सर्वेक्षण कराकर सूची अपडेट कराने, जिले के सभी पंचायतों का पूर्व के अनुभव के आधार पर नाव की आवश्यकता और उपलब्धता को चिन्हित कर ली जाए और बाढ़ पूर्व कमी को पूरी करने, सीतामढ़ी जिला के एकमात्र रीगा चीनी मिल से जुड़े किसानों का करोड़ों का पिछला बकाया भुगतान शीघ्र कराने, मनरेगा को खेती और किसानी से जोड़ने, जल जीवन हरियाली योजना के तहत जल श्रोत, नाहर, नाली, नाली, पोखर, तालाब, पुरानी, मरुधर, नदियों एवं जल निकासी के सभी श्रोतो को माफी कराकर अतिक्रमण मुक्त कराने कराकर मेड बांध पर वृक्षारोपण कराने, सीतामढ़ी जिले के प्रमुख सड़क रुन्नीसैदपुर, नानपुर, पुपरी, सुरसंड, परिहार समेत अन्य सड़कों के लिए लगभग 500 करोड़ की योजना है, जिसे 3 वर्ष में पूरा करना था 6 वर्ष हो गए उसे शीघ्र पूरा कराने, पुपरी अनुमंडल अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग को हस्तारित कर अस्पताल को चालू कराने, एवं 9 अगस्त को पृथ्वी दिवस के अवसर पर कर्पूरी विचार केंद्र को हजारों वृक्ष उपलब्ध कराने की मांग की है.